चंडीगढ़ | राजधानी चंडीगढ़ में पार्किंग पॉलिसी में बदलाव की तैयारी जोरो से चल रही है. दरअसल, पिछले हफ्ते हुई एडवाइजरी कमेटी की बैठक में प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने चंडीगढ़ की पार्किंग पॉलिसी पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि सभी गाड़ियों के लिए एक जैसी पार्किंग होनी चाहिए. नगर निगम जरूरत के हिसाब से पार्किंग की दरें तय कर सकता है लेकिन इस तरह के भेदभाव से बचना चाहिए. 29 अगस्त को नगर निगम की बैठक होने जा रही है. इसमें 25 जुलाई को पारित पार्किंग नीति में बदलाव किया जाएगा.
इसमें बाहर से आने वाले वाहनों के लिए नई पार्किंग दरें तय की जाएंगी. 25 जुलाई को हुई बैठक में दूसरे राज्यों के वाहनों की पार्किंग दोगुनी कर दी गयी. इस पर संशोधन के लिए कोई प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा बल्कि पिछली बैठक में पारित प्रस्तावों की पुष्टि के दौरान ही नीति में संशोधन किया जाएगा.
चंडीगढ़ के मेयर इस नीति के थे पक्षधर
बता दें कि चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता इस नीति के पक्ष में थे. वह बाहर से आने वाले वाहनों से पार्किंग की दोगुनी कीमत वसूलना चाहते थे. उनका मानना था कि पंजाब और हरियाणा में चंडीगढ़ के लोगों को नागरिकता मिलनी चाहिए. जिस तरह वहां के लोगों को राज्य की सुविधाओं का लाभ मिलता है, वैसा ही चंडीगढ़ के लोगों को भी अपने राज्य में मिलना चाहिए. इस पर वह कई बार बयान दे चुके हैं लेकिन प्रशासक के विरोध के बाद अब उन्होंने भी इस नीति में संशोधन करने का मन बना लिया है.
राजनीतिक दलों ने जताया विरोध
नगर निगम की बैठक में नई पार्किंग नीति को मंजूरी मिलने के बाद ही विवाद शुरू हो गए. इस नीति का पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग, शिरोमणि अकाली दल के कई वरिष्ठ नेताओं सहित स्थानीय निवासियों ने भी विरोध किया. लोगों का कहना है कि बाहर से आने वाले वाहनों पर दोगुना पार्किंग चार्ज लगने से चंडीगढ़ के पर्यटन पर असर पड़ेगा.
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