हरियाणा: गर्मी के सीजन में बिजली और पानी को लेकर हाहाकार मचने के आसार, इन 5 जिलों में हालात गंभीर

चंडीगढ़ | गर्मी का सीजन अभी अपने पूरे शबाब पर आया भी नहीं है लेकिन उससे पहले ही हरियाणा में बिजली और पानी को लेकर हाहाकार मचने के आसार पैदा हो गए हैं. यमुना नदी में जलस्तर घटने से प्रदेश के पांच जिलों को पानी की कमी से जूझना पड़ रहा है. इस समय यमुना नदी में मात्र 3136 क्यूसेक पानी है जिसमें से 352 क्यूसेक पानी दिल्ली को सप्लाई किया जा रहा है.

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यमुना नदी सूखने की वजह से भिवानी, रेवाड़ी, चरखी दादरी, रोहतक और सिरसा में अभी से पानी की राशनिंग शुरू हो गई है और आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर होने की संभावना बढ़ गई है.

इन 5 जिलों के कैसे हैं हालात

रोहतक शहर की बात करें तो यहां रोजाना नौ करोड़ लीटर पानी दो बार में सप्लाई होता है लेकिन वर्तमान में एक बार में भी पानी की सप्लाई पूरी नहीं हो रही है. शहरों में टैंकर और कैंपर का पानी खरीद कर लोग अपना काम चला रहे हैं. वहीं, रेवाड़ी में नहर में जो पानी 24 दिन बाद छोड़ा जाना था वो अब 30 दिन के बाद छोड़े जाने की संभावना है. शेड्यूल के अनुसार, नहर में तीन मार्च को पानी छोड़ा जाना था लेकिन अब 9 मार्च को आएगा.

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वहीं, चरखी दादरी ज़िले में 58 जलघरों के टैंक पिछले एक हफ्ते से सूखे पड़े हैं. लोग 450 रुपए खर्च कर टैंकर का पानी खरीदने पर मजबूर हो रहे हैं. भिवानी शहर में एक दिन छोड़कर पानी की आपूर्ति की जा रही है जबकि सिरसा जनस्वास्थ्य विभाग ने इस बात अतिरिक्त पानी की आपूर्ति नहीं करने का फैसला लिया है. ऐसे में इन जिलों के लोगों को पानी की पानी की भयंकर किल्लत से जूझना पड़ सकता है.

पहाड़ों पर नहीं हुई बारिश

इस बार फरवरी में पहाड़ों और हरियाणा में बारिश नाममात्र की हुई है. इसलिए यमुना नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है. अप्रैल,मई और जून में ये किल्लत और अधिक बढ़ने के आसार हैं. जनस्वास्थ्य विभाग के चीफ इंजीनियर देवेन्द्र दहिया ने कहा कि 15 जून के बाद बारिश का सीजन शुरू होने पर ही यमुना नदी में पानी की मात्रा बढ़ेगी. यमुना में पानी का जलस्तर घटने से नहरों में पानी कम आ रहा है और इसके चलते लगातार पानी की किल्लत बनी हुई है.

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बिजली को लेकर लेटेस्ट अपडेट

वहीं, प्रदेश में बिजली की मांग आठ हजार मेगावाट को पार कर गई है. आशंका जताई जा रही है कि जब गर्मी अपनी चरम सीमा पर होगी तो लोगों को पिछले साल की तरह ही बिजली कटों से रूबरू होना पड़ेगा. जून और जुलाई में गर्मी का रौद्र रूप होगा और बिजली की किल्लत लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभरेगी.

अदाणी के बिजली आपूर्ति घटाने से बढ़ेगी दिक्कत

वर्तमान में हरियाणा की कुल बिजली क्षमता 13522 मेगावाट है. इस बार अदाणी पावर ने 1424 मेगावाट बिजली में से 16 प्रतिशत तक बिजली कम देने का फैसला लिया है. वहीं, हजारों नए बिजली उपभोक्ता जुड़ने और नए उद्योग स्थापित होने से बिजली की मांग पहले से बढ़ेगी. पिछले साल उद्योगों को भी 10- 10 घंटे के बिजली कटों से जूझना पड़ा था. इस साल भी ऐसी ही आशंका जताई जा रही है कि पीक सीजन में उपभोक्ताओं और उद्योगों को पॉवर कटों की समस्या झेलनी होगी.

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हरियाणा की प्रतिदिन बिजली क्षमता

  • 2582.04 मेगावाट हरियाणा का उत्पादन
  • 846.14 मेगावाट बीबीएमबी से
  • 2921.09 मेगावाट केंद्र सरकार से
  • 7173.22 मेगावाट दूसरे स्रोतों से
  • 13522.85 मेगावाट कुल

बिजली निगम चेयरमैन का बयान

पिछले साल तो अडानी पावर से भी बिजली आती नहीं हुई थी लेकिन इस बार वहां से 1000 मेगावाट से अधिक बिजली मिलेगी. इसके अलावा कुछ अन्य कंपनियों और राज्यों से भी बिजली आपूर्ति के लिए कॉन्टेस्ट किए गए हैं. उन्होंने बताया कि धान के सीजन के साथ-साथ गर्मी के चरम पर पहुंचने से पहले ही निगमों में पुख्ता प्रबंध कर लिए गए हैं. प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं होगी-  पीके दास, चेयरमैन, बिजली निगम, हरियाणा

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