चंडीगढ़ | हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा के बजट सत्र के छठे दिन 3 बड़ी घोषणाएं की है. राज्य में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए अब झज्जर जिले को भी पुलिस कमिश्नरेट बनाया जाएगा. यह राज्य का पांचवां पुलिस कमिश्नरेट होगा. दरअसल, बहादुरगढ़ में पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या के बाद विपक्षी विधायक सरकार की घेराबंदी कर रहे हैं.
विधायकों ने कही ये बात
बादली से कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स, झज्जर से विधायक गीता भुक्कल समेत अन्य विधायकों ने आरोप लगाया था कि झज्जर में लगातार अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं और गैंगवार हो रही है.पिछले साल कुलदीप वत्स, सोनीपत विधायक सुरेंद पंवार समेत छह विधायकों को धमकी भरे फोन आए थे. बजट पर चर्चा के बाद जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने झज्जर को पुलिस कमिश्नरेट बनाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि विधायकों की मांग और सुझाव पर ऐसा किया जा रहा है. पिछले साल ही सोनीपत को पुलिस कमिश्नरेट भी बनाया गया था.
पंचकूला, गुरूग्राम, फ़रीदाबाद में पहले से ही कमिश्नरेट हैं. इनके अलावा, राज्य में 4 पुलिस रेंज हैं. इनमें करनाल, हिसार, रोहतक और साउथ रेंज शामिल हैं. यहां IG स्तर के अधिकारी तैनात हैं और जिलों के एसपी समन्वय स्थापित कर सुरक्षा व्यवस्था का खाका तैयार करते हैं.
70 साल बाद चार गांवों को मिलेगा मालिकाना हक
राजकीय पशुधन फार्म, हिसार के 4 गांवों धंधूर, पीरावांली, बीड़ बबरान और झिरी में खेती के लिए आवंटित जमीन पर 1,954 से घर बनाकर रह रहे लोगों को अब मालिकाना हक दिया जाएगा. यहां 2,719 घर हैं. इनमें से 1,831 मकान ऐसे हैं जो 250 वर्ग गज में बने हैं. ऐसे मकान मालिकों को अब 2000 रुपये प्रति वर्ग गज का भुगतान करना होगा. इसी तरह 250 वर्ग गज से 1 कनाल तक 742 परिवार हैं, उन्हें 3,000 रुपये प्रति वर्ग गज, 146 परिवार हैं. वहीं, जिनके पास 1 कनाल से 4 कनाल है, उन्हें 4,000 रुपये प्रति वर्ग गज देने होंगे. इसके अलावा, जो घर 4 कनाल से अधिक क्षेत्र में बने हैं, उन्हें 4 कनाल तक सीमित कर दिया जाएगा और शेष भूमि को आम उपयोग के लिए गांव में शामिल कर लिया जाएगा.
सरकार सब्जी आढ़तियों से सहमत
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और सब्जी मंडी आढ़तियों के बीच समझौता हो गया है. अब आढ़तियों को केवल एक प्रतिशत मार्केट फीस देनी होगी और एचआरडीएफ माफ कर दिया जाएगा. पिछले दो वर्षों यानी 2022- 23 और 2023- 24 के दौरान वास्तविक बाजार शुल्क के औसत पर एकमुश्त भुगतान करना होगा. इसके अलावा, अगर कोई केवल प्रतिशत पर भुगतान करना चाहता है तो वह ऐसा भी कर सकता है. एजेंटों के पास दोनों विकल्प होंगे.
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