चंडीगढ़ । हरियाणा एनसीआर में बेकाबू होते प्रदुषण स्तर पर काबू पाने के लिए परिवहन विभाग ने कड़ा कदम उठाया है. परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार छह लाख पुराने पेट्रोल-डीजल वाहन मालिकों को 3 मार्च 2022 तक एनसीआर में शामिल 14 जिलों के बाहर बेचने या स्थानांतरित कराने होंगे. परिवहन आयुक्त कार्यालय द्वारा गत 2 दिसंबर को यह अल्टीमेटम जारी किया गया है.
परिवहन विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि ई- परिवहन पोर्टल पर इन वाहनों की स्वत: डि- रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. इसके बाद अगर यें वाहन सड़क पर दौड़ते हुए पाए गए तो इन्हें जब्त कर लिया जाएगा. परिवहन आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का एनसीआर से पंजीकरण रद्द किया जा चुका है.
इससे पहले कि ई-परिवहन पोर्टल पर वाहनों के पंजीकरण स्वत: रद्द हो जाए, वाहन मालिक इन्हें एनसीआर से बाहरी जिलों में बेच दें या स्थानांतरित करा लें. इसके लिए उनके पास तीन मार्च तक की समय-सीमा है. इसके बाद पुलिस व क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा स्पेशल अभियान चलाकर इन वाहनो को जब्त किया जाएगा.
पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद मालिक इन वाहनों को एनसीआर क्षेत्र से बाहर हस्ताक्षरित करने व बेचने में समर्थ नहीं हो सकेंगे. सभी वाहन स्क्रैप नीति में आ जाएंगे. 3 मार्च तक का अल्टिमेटम खत्म होने के बाद इन वाहनों को सड़क पर दौड़ाने की अनुमति नहीं दी जाएंगी. 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों में दो पहिया वाहनों की संख्या का आंकड़ा ज्यादा है.
एनसीआर क्षेत्र में शामिल हरियाणा के 14 जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी, भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, करनाल और जींद जिलें के वाहन मालिकों पर परिवहन विभाग के फैसले का असर पड़ेगा. इन वाहनों को एनसीआर क्षेत्र में न चलाने के आदेश पहले भी जारी हों चुके हैं लेकिन परिवहन विभाग द्वारा तय समय-सीमा पहली बार निर्धारित की गई है. बता दें कि परिवहन विभाग पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों की पालना करवाने का भी दबाव बना हुआ है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!