चंडीगढ़ | हरियाणा में प्राइवेट अस्पतालों के एक फैसले ने नायब सैनी की नई सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) हरियाणा की ओर से प्रदेश सरकार को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 16 मार्च से सभी निजी अस्पताल आयुष्मान और चिरायु कार्ड की सेवाएं बंद कर रहे हैं.
सरकार की तरफ से करीब 300 करोड़ रुपये बकाया होने के चलते यह फैसला लिया गया है. IMA ने गुरुवार को एक पत्र जारी कर सरकार को बकाया 300 करोड़ रूपए जारी करने के लिए 24 घंटे का समय दिया था.
बता दें कि हरियाणा में अब तक करीब 10 लाख लोग चिरायु कार्ड का लाभ ले चुके हैं. इस कार्ड से सरकार की ओर से सरकारी और निजी अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा का प्रावधान किया गया है. प्रदेश में अब तक कुल एक करोड़ तीन लाख से अधिक आयुष्मान- चिरायु कार्ड बनाए जा चुके हैं. इसमें 74 लाख 33 हजार 548 चिरायु कार्ड तथा 28 लाख 89 हजार आयुष्मान कार्ड शामिल हैं.
556 अस्पताल सूचीबद्ध
IMA अध्यक्ष डॉ अजय महाजन ने बताया कि 29 फरवरी को पत्र लिखकर समस्या बताई गई थी लेकिन अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. इससे आयुष्मान योजना के तहत, सूचीबद्ध 556 अस्पतालों में रोष बना हुआ है. इसमें सरकारी और प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं.
क्या है चिरायु- आयुष्मान भारत योजना
बता दें कि चिरायु- आयुष्मान भारत योजना का लाभ उन परिवारों को मिल रहा है, जिनकी परिवार पहचान पत्र में सालाना आय 1.80 लाख रुपये तक है. हरियाणा के वित वर्ष 2024- 25 के बजट में इस योजना का विस्तार कर उन परिवारों को लाभ देने का फैसला लिया गया था, जिनकी सालाना आमदनी 3 लाख से 6 लाख रूपए तक है. इसके लिए इन परिवारों को साल भर में एक बार 4 हजार रुपए का प्रीमियम देना होगा. वहीं, 6 लाख रूपए से अधिक आय वाले परिवार भी 5 हजार रूपए सालाना वार्षिक प्रीमियम का भुगतान कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
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