चंडीगढ़ | हरियाणा राज्य आज बेरोजगारी के मामले में नंबर- 1 पर है. प्रदेश में बेरोजगारी के आंकड़े मनोहर लाल खट्टर सरकार (Khattar Govt) के समय सबसे ज्यादा बढ़े हैं जिसको लेकर विपक्ष सरकार को बार- बार घेरकर कोस रहा है. हालांकि, इससे पल्ला झाड़ते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) कई बार विपक्ष पर ‘बेरोजगारी को लेकर गुमराह’ करने का आरोप लगा चुकी है लेकिन, अब सवाल है कि हरियाणा में बढ़ती बेरोजगारी के लिए मनोहर लाल सरकार जिम्मेदार नहीं तो फिर कौन जिम्मेदार है?
दरअसल, बेरोजगारी को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने एक बार फिर खट्टर सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है. हाल ही में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने BJP पर हमला बोला है. हुड्डा ने ट्वीट कर कहा है कि आज संसद में मेरे सवाल के जवाब में मोदी सरकार ने माना है कि BJP- JJP शासन के दौरान हरियाणा में बेरोजगारी 3 गुना से ज्यादा बढ़ गई है, जो उत्तर भारत में सबसे ज्यादा है.
महज 7 साल में 7 प्रतिशत बढ़ी बेरोजगारी
CMIE के आंकड़ों को बार- बार नकारने वाले मनोहर लाल खट्टर अब क्या कहेंगे? 2013- 14 में हुड्डा सरकार के दौरान हरियाणा में बेरोजगारी दर 2.9% थी, बीजेपी राज में 2021- 22 तक यह 9.0% तक पहुंच गई. लक्षद्वीप जैसे छोटे द्वीपों को छोड़ दें तो यह देश में सबसे ऊंचा है.
हरियाणा में बेरोजगारी दर दोगुनी से भी ज्यादा: हुड्डा
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 4.1 फीसदी है जबकि इसके मुताबिक, हरियाणा में बेरोजगारी दर दोगुनी से भी ज्यादा है. बेरोजगारी की दर में हरियाणा ने बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और झारखंड को भी पीछे छोड़ दिया है.
आज संसद में मेरे सवाल के जवाब में मोदी सरकार ने माना कि हरियाणा में BJP-JJP राज में बेरोज़गारी 3 गुना से भी ज़्यादा बढ़ी है जो की उत्तर भारत में सर्वाधिक है।
बार-बार CMIE के आंकड़ों को नकराने वाले @mlkhattar जी अब क्या कहेंगे?
2013-14 में हरियाणा में हुड्डा सरकार के समय… pic.twitter.com/IBtFc2dS8g
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) July 20, 2023
राज्य में एक भी नई फैक्ट्री नहीं लगी: हुड्डा
हुड्डा ने कहा है कि 2014 तक प्रति व्यक्ति आय और प्रति व्यक्ति निवेश के मामले में प्रदेश आगे था. यहां दूर- दूर से लोग रोजगार के लिए आते थे लेकिन, 9 साल में राज्य में कोई नई फैक्ट्री नहीं लगी और न ही राज्य में कोई बड़ा निवेश हुआ. कई बड़े प्रोजेक्ट दूसरे राज्यों में चले गये. इसके अलावा, हरियाणा में अभी भी 2 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं. कई भर्तियां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. हरियाणा का युवा हताश और निराश है.
हरियाणा के युवा बेरोजगार क्यों हैं?
उद्योग जगत का हब कहा जाने वाला हरियाणा आज बेरोजगारों की लिस्ट में नंबर- 1 पर है. गुरुग्राम और फ़रीदाबाद जैसे शहर हरियाणा में हैं लेकिन, फिर भी हरियाणा दिन- ब- दिन बेरोज़गार होता जा रहा है.
जानिए इसके कुछ मुख्य कारण
- हरियाणा के युवाओं में कौशल विकास की कमी है.
- हरियाणा की कंपनियों में बाहरी कर्मचारी काम करते हैं. बिहार के ज्यादातर मजदूर फैक्ट्रियों में काम करते हैं.
- जिन मशीनों का उपयोग ऑटोमोबाइल या कपड़ा कंपनियों में किया जाता है उनकी उपलब्धता हरियाणा में बहुत कम है. जिसके कारण हरियाणा के युवाओं को हरियाणा की कंपनियों में नौकरी नहीं मिल पा रही है.
- लॉकडाउन लगने के बाद कई कंपनियां अचानक बंद हो गईं. उन कंपनियों में काम करने वाले मजदूर ऐसे लोग थे जो रोज कमाते थे और रोज खाते थे. कई कर्मचारियों ने आधे वेतन पर काम किया और कई को नौकरी से निकाल दिया गया.
- हरियाणा भी एक कृषि प्रधान राज्य है लेकिन पिछले कुछ सालों में हुए सर्वे और विशेषज्ञों के मुताबिक, हरियाणा में कृषि क्षेत्र में काफी कमी रही है. इससे हरियाणा का युवा बेरोजगार है.