हाईकोर्ट में अनोखा मामला, दुल्हन 34 की और दुल्हा 30 का,11 साल की उनकी बेटी, फिर भी शादी अवैध

चंडीगढ़ । हरियाणा से एक अजीब वाक्या सामने आया है जो हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है. दुल्हा 30 वर्ष का, दुल्हन 34 वर्ष की और दोनों की 11 साल की एक बेटी भी है . लेकिन उनकी शादी को कानूनी तौर पर मान्यता नहीं मिल रही है और इसमें अजीबो-गरीब पेंच फस गया है. विवाह पंजीकरण अधिकारी ने इस शादी को रजिस्टर्ड करने से मना कर दिया . अधिकारी ने वजह बताई कि जिस वक्त दुल्हे ने शादी की थी उस समय वह नाबालिग था.

SADHI
पंजीकृत अधिकारी ने विवाह रजिस्टर्ड करने से किया मना

पंजीकृत अधिकारी के मना करने पर इस मामले को लेकर करनाल के इंद्री इलाके का यह दंपती पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में गुहार लगाने पहुंचा है. उन्होंने कहा है कि पंजीकरण अधिकारी के आदेशों को रद्द कर उनकी शादी को पंजीकृत करने के निर्देश दिए जाएं. हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार, करनाल जिले के डीसी समेत इंद्री के तहसीलदार , विवाह पंजीकरण अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

यह भी पढ़े -  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने HSSC पर लगाया 3 लाख का जुर्माना, महिला उम्मीदवार को नियुक्ति देने का भी आदेश

इंद्री तहसील निवासी एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उसकी शादी हिंदु रीति-रिवाज के मुताबिक 8 दिसंबर 2009 को हुई थी. उस वक्त उसकी आयु 18 वर्ष ,5 महीने ,10 दिन थी , जबकि उनकी पत्नी की आयु 22 वर्ष चार महीने थीं. उनकी शादी के करीब 10 महीने पश्चात 15 अक्टूबर 2010 को उनके घर बेटी पैदा हुईं थीं.

यह भी पढ़े -  हरियाणा में प्रदूषण से सांसों पर लगा 'लॉकडाउन', AQI के आंकडे तोड़ रहे रिकॉर्ड; एक को छोड़कर सभी जिलों में अलर्ट

उक्त व्यक्ति ने बताया कि सात जुलाई 2021 को उन्होंने इंद्री के तहसीलदार सह-विवाह पंजीकरण अधिकारी को एक आवेदन देकर उनकी शादी को रजिस्टर्ड करने का आग्रह किया लेकिन 20 जुलाई 2021 को उनका आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि शादी के समय लड़के की उम्र 21 वर्ष से कम थीं जो कानूनन विवाह के लिए अनिवार्य है.

याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि अब जब वह अपनी शादी को रजिस्टर्ड करवाना चाहता है तो कानूनी तौर पर योग्य है , लेकिन विवाह पंजीकरण अधिकारी उनकी इस दलील को न समझते हुए शादी के वक्त की उनकी उम्र को आधार बनाकर रजिस्टर्ड नहीं कर रहा है. विवाह पंजीकरण अधिकारी उनकी शादी को कानूनी तौर पर गलत करार देकर विवाह रजिस्टर्ड करने से मना कर रहा है.

यह भी पढ़े -  हरियाणा में 20 साल से शामलात भूमि पर काबिज लोगों को मिलेगा मालिकाना हक, विधेयक को मिली मंजूरी

याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कुछ फैसलों का हवाला देकर उनकी शादी को रजिस्टर्ड करने का आग्रह किया गया है. इस मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार, करनाल जिले के डीसी और इंद्री तहसील के तहसीलदार सह-विवाह पंजीकरण अधिकारी को नोटिस जारी कर सभी से इस मामले पर जबाब मांगा है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit