चंडीगढ़ । हरियाणा में किसान आंदोलन के बीच हुए स्थानीय निकाय के कारण चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और जन नायक पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. बता दें कि तीन नगर निगमों के लिए 27 दिसंबर को हुई मीटिंग में केवल एक सीट पर बीजेपी को जीत मिल सकी है.
किसान आंदोलन के चलते गठबंधन सरकार को भारी नुकसान
वही एक नगर निगम कांग्रेस और दूसरा हरियाणा जन चेतना पार्टी के खाते में गया है. बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली जेजेपी पार्टी को किसी भी नगरपालिका में जीत नहीं मिली. किसान आंदोलन के कारण पंजाब और हरियाणा के किसान बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. बड़ी संख्या में इन दोनों राज्यों के किसानों द्वारा बॉर्डर पर धरना दिया जा रहा है. उचित किसान संगठन हरियाणा और पंजाब के अंदर भी कई जगहों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी मांग है कि केंद्र की बीजेपी सरकार तीनों कानूनों को तत्काल वापस ले या उन्हें रद्द कर दे.
दुष्यंत चौटाला ने की थी बड़े-बड़े नेताओं के साथ मीटिंग
जननायक जनता पार्टी प्रमुख और हरियाणा की सरकार में सहयोगी, दुष्यंत चौटाला चुनाव से पहले किसानों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने दिल्ली का दौरा कर बीजेपी के कई बड़े नेताओं के साथ मीटिंग कर मुलाकात की थी लेकिन,दिल्ली के आश्वासन के आगे उनकी एक न चली और इससे पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा.
27 दिसंबर को हरियाणा के तीन नगर निगम, तीन नगरपालिका और एक नगर परिषद के चुनाव हुए थे. इसमें से महज बीजेपी और जेजेपी गठबंधन को दो जगह पंचकूला नगर निगम और रेवाड़ी नगर परिषद में ही जीत मिली. बाकि पांचों जगहों पर गठबंधन सरकार को करारी हार का सामना करना पड़ा.
कहां कौन जीता चुनाव
पंचकूला नगर निगम मेयर – बीजेपी
रेवाड़ी नगर परिषद प्रेसिडेंट – बीजेपी
सोनीपत नगर निगम मेयर – कांग्रेस
अंबाला नगर निगम मेयर – हरियाणा जनचेतना पार्टी
सांपला नगरपालिका चेयरमैन – कांग्रेस समर्थित
धारूहेड़ा नगरपालिका चेयरमैन – निर्दलीय
उकलाना नगरपालिका चेयरमैन – निर्दलीय
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