चंडीगढ़ | लोकसभा चुनावों में शीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बनने पर हरियाणा में BJP- JJP गठबंधन टूटने पर सीएम मनोहर लाल समेत पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद, नए मुख्यमंत्री के तौर पर नायब सिंह सैनी ने शपथ ली. सैनी वर्तमान में हरियाणा विधानसभा के सदस्य नहीं हैं और कानूनन वह बगैर MLA बने सिर्फ 6 महीने यानि 11 सितंबर 2024 तक मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं जबकि हरियाणा की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर 2024 को समाप्त होगा.
CM सैनी के पास 3 ऑप्शन
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 164(4) में स्पष्ट लिखा है कि कोई व्यक्ति शपथ लेने के दिन से सिर्फ 6 महीने तक बिना विधायक या सांसद बने मंत्री/ मुख्यमंत्री/ प्रधानमंत्री की कुर्सी पर रह सकता है. 6 महीने से एक दिन भी ज्यादा वह कुर्सी पर नहीं रह सकता है. उन्होंने बताया नए मुख्यमंत्री नायब सैनी के पास 3 ऑप्शन रहेंगे
- नायब सैनी अगले 6 महीने में विधानसभा की कोई सीट खाली करवाकर वहां से उपचुनाव लड़कर विधायक बने.
- राज्य सरकार विधानसभा को समय से पहले भंग करवाकर चुनाव में चली जाए.
- मुख्यमंत्री सैनी 6 महीने का समय पूरा होने से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर दोबारा शपथ ले सकते हैं. हालांकि इसकी संभावना सबसे कम है.
उपचुनाव नहीं करवाता आयोग
हेमंत कुमार ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 151 (A) के तहत इलेक्शन कमीशन ऐसी किसी खाली सीट पर उपचुनाव नहीं कराता, जहां नए सदस्य का कार्यकाल एक साल से कम बचा हो.
हरियाणा की मौजूदा विधानसभा का 4 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद अब यदि कोई सीट किसी मौजूदा MLA के निधन या इस्तीफे के कारण खाली हुई तो नियमानुसार चुनाव आयोग उस पर उपचुनाव नहीं कराने का फैसला ले सकता है. अगर नायब सैनी की तरह किसी को विधायक न होते हुए भी विधानसभा के अंतिम साल में CM या मंत्री बना दिया जाए तो उस स्थिति में चुनाव आयोग खाली हुई सीट पर उपचुनाव करवा सकता है.
चौधरी बंसीलाल का दिया उदाहरण
हेमंत कुमार ने इसके लिए साल 1986 का उदाहरण भी दिया जब हरियाणा के मुख्यमंत्री बने चौधरी बंसीलाल ने विधानसभा की अवधि एक साल से कम होने के बावजूद भिवानी जिले की तोशाम सीट से उपचुनाव लड़कर जीत हासिल की थी.
समय से पहले चुनाव की सबसे ज्यादा संभावना
उन्होंने बताया कि आज की तारीख में हरियाणा विधानसभा की कोई सीट खाली नहीं है. इसलिए अगले 6 महीने में मुख्यमंत्री नायब सैनी तभी उपचुनाव लड़ पाएंगे, जब कोई मौजूदा विधायक उनके लिए अपनी सीट खाली कर दें. ऐसा नहीं हुआ तो 11 सितंबर से पहले नायब सैनी के नेतृत्व वाली सरकार को प्रदेश की मौजूदा 14वीं विधानसभा समय से पहले भंग करनी होगी.
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