चंडीगढ़ । कोरोना महामारी की वजह से देश में अधिकतर स्कूल व शैक्षणिक संस्थान बीते 2 साल से कभी खुल रहे हैं तो कभी बंद हो रहे हैं. ऐसे में छात्रों के शैक्षणिक रूप से हो रही हानि आखिर कब समाप्त होगी इसका कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. वही हरियाणा में हुए एक सर्वे के मुताबिक 87 फीसदी अभिभावकों ने पूरी तरीके से स्कूल खोले जाने को लेकर सहमति जाहिर की है.
राज्य में फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा हाल ही में कराए गए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में करीब 13500 से अधिक अभिभावकों ने भाग लिया. जिसमें से 87 फीसदी अभिभावकों ने कोरोना दिशा निर्देश को सुनिश्चित करते हुए फिर से स्कूलों को खोलने की मांग की है. वही निजी स्कूल पहले भी स्कूलों के आंशिक रूप से खोले जाने को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं.
फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण वर्मा ने कहा है कि एसोसिएशन की ओर से तीन दिवसीय ऑनलाइन सर्वेक्षण का आयोजन किया गया था जिसमें 13,512 अभिभावकों ने भाग लिया. जिसमें से 87 फ़ीसदी अभिभावकों ने सभी कक्षाओं के लिए एक बार फिर से पूरी तरीके से स्कूल खोलने की मांग की है. वहीं 12.5 फीसदी अभिभावकों ने इस कदम के विरोध में मत दिया है. अलावा इस ऑनलाइन सर्वे यह भी पूछा गया कि “क्या नई पीढ़ी के स्कूल बंद होने के कारण निरक्षरता की ओर बढ़ रहा है या नहीं?”
वही पेरेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता ने कहा है कि “छात्र पहले से ही लॉकडाउन के कारण काफी नुकसान का सामना कर चुके हैं. ऑनलाइन अध्ययन शारीरिक शिक्षा की जगह नहीं ले सकता. जब अन्य गतिविधियां चल रही हैं. लोग स्वतंत्र रूप से इधर-उधर घूम रहे हैं, तो बच्चों को स्कूल से दूर क्यों रखा जा रहा है. अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं. ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करते हुए स्कूलों को फिर से खोलना चाहिए.
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