चंडीगढ़ । भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर जारी है. हर दिन देश में कोरोना के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं. देश के कई राज्यों ने कोरोनावायरस को कम करने के लिए लॉकडाउन लगा दिया है. इसी दौरान हरियाणा राज्य में भी कोरोनावायरस के मामले प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहे हैं. 3 हफ्ते से भी कम वक्त में हरियाणा में कोरोनावायरस के 73 हजार नए केस सामने आए हैं. सबसे ज्यादा केस गुड़गांव से आए हैं. गुड़गांव में 20,000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं.
हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने जो आंकड़े जारी किए हैं उनके मुताबिक हरियाणा में संक्रमण के केस की संख्या 31 मार्च तक 290800 थी जो 19 अप्रैल को 363813 तक बढ़ गई. आंकड़ों के मुताबिक इस समय अवधि के दौरान हरियाणा में संक्रमण की वजह से 300 लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है. अब हरियाणा राज्य में कोरोना वायरस से हुई मृत्यु के कुल मामले 3155 से बढ़कर 3448 तक पहुंच गए हैं. 17 अप्रैल को हरियाणा में 1 दिन में ही कोरोना के सबसे ज्यादा 7717 नए केस सामने आए थे.
अब हरियाणा में इस प्रकार तेजी से लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के केस को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हरियाणा में भी लॉकडाउन लगाया जा सकता है. वैसे तो हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्थिति साफ कर दी है कि हरियाणा में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यही बात कही है कि राज्यों में लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में देखा जाए. एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने कहा कि हरियाणा में कोरोना के चलते लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने प्रवासी मजदूरों से भी याचना की कि वह राज्य छोड़कर ना जाएं और अपने काम को करते रहे.
राज्य में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लगने की आशंकाओं को समाप्त करने के लिए उन्होंने यह आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री ने टेलीविजन पर संदेश देकर प्रदेश के लोगों से कहा कि, “हमने कहा है कि हम लॉकडाउन नहीं लगाएंगे, हम उन्हें इस पर आश्वासन देना चाहते हैं.” सीएम ने कहा कि यदि लॉकडाउन की आशंकाओं पर प्रवासी मजदूर अपने घर लौट जाते हैं तो इससे उनका काम छूट जाएगा और उनके लिए ही परेशानियां बढ़ जाएंगी.
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