चंडीगढ़ | इसी साल के शुरुआत में हरियाणा राज्य के भीतर पंचायत चुनाव होने थे. महामारी और महिला आरक्षण के कारण चुनाव में देरी हुई. बीते दिन पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चुनाव में हो रही देरी को लेकर दाखिल याचिकाओं में सुनवाई हुई.20 अगस्त शुक्रवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में हरियाणा पंचायत चुनाव 2021 को लेकर दाखिल याचिकाओं के ऊपर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए दलील दी कि प्रदेश में पंचायत चुनाव में देरी हो रही है.
इसके साथ ही साफ कहा कि सरकार जल्द चुनाव करवाना चाहती है. इसके जवाब में कोर्ट की डबल बेंच की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार जल्दी ही चुनाव करवा सकती है लेकिन इसके लिए उन्हें पुराने नियमों के अनुसार ही चुनाव करवाने होंगे. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार नए संशोधन के तहत राज्य में जल्द ही चुनाव करवाना चाहती है लेकिन नए संशोधन में खामियां बताते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.
हरियाणा पंचायत चुनाव को लेकर अब हाईकोर्ट और प्रदेश सरकार आमने-सामने है. हाई कोर्ट का साफ तौर पर कहना है प्रदेश सरकार पुराने नियमों के अनुसार जल्दी चुनाव करवा सकती है. ऐसे में सरकार को महिला आरक्षण के प्रावधान को वापस लेना होगा. इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी. वहीं दूसरी ओर राज्य चुनाव आयोग चुनाव करवाने की तैयारियों में जुट चुका है.
महिला आरक्षण को लेकर कोर्ट पहुंचा मामला
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए पंचायती एक्ट में संशोधन किया था. जिसके तहत पंचायती चुनाव में ऑड इवन फार्मूला के आधार पर 50 फ़ीसदी आरक्षण देने का प्रावधान लागू किया था. यानी हर गांव को ऑड-ईवन नंबर दिया जाएगा. जिस गांव में महिला सरपंच निर्वाचित होंगी वहां अगली बार पुरूष सरपंच नियुक्त किया जाएगा. ये नियम आरक्षित पदों के लिए भी लागू होगा. इस संशोधन में कमियां बताते हुए कोर्ट में याचिका डाली गई थी.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!