चंडीगढ़ । पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने क्रिकेटर युवराज सिंह को झटका देते हुए अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के तहत उसके खिलाफ हांसी में दर्ज मामला खारिज करने को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान कुछ राहत प्रदान करते हुए इसे खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति अमोल रतन सिंह की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि युवराज के खिलाफ उक्त अधिनियम के तहत मुकदमा चलेगा लेकिन इसमें लगी धारा 153-ए को हटा दिया है.
युवराज सिंह ने याचिका दायर कर खुद के खिलाफ हांसी शहर थाना में दर्ज मामला खारिज करने की मांग की थी, जिसे अदालत ने आज एक आदेश जारी कर आंशिक रूप से खारिज कर दिया. अदालत ने युवराज की यह दलील खारिज कर दी कि ‘भंगी’ शब्द का प्रयोग भांग पीने वालों के लिए होता है. अब इस मामले में युवराज के खिलाफ हिसार की अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत स्थापित स्पेशल कोर्ट में मुकदमा चलेगा तथा उन्हें हर पेशी पर अदालत में उपस्थित होना होगा.
मामले में शिकायतकर्ता रजत कल्सन के वकील अर्जुन श्योराण ने बताया कि अदालत के आदेशानुसार युवराज के खिलाफ मामला तो चलेगा लेकिन इसमें से धारा 153-ए हटा दी है. इससे पूर्व पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने युवराज सिंह को इस मामले में पहले ही अग्रिम जमानत दे रखी है.
बता दें कि क्रिकेटर युवराज सिंह इस मामले में हांसी पुलिस को पूरा सहयोग कर रहे हैं और वह जांच में भी शामिल हो चुके हैं. हांसी पुलिस इस मामले में उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर अंतरिम जमानत पर रिहा कर चुकी हैं. अब इस मामले को लेकर हांसी पुलिस उनके खिलाफ हिसार की स्पेशल कोर्ट में आरोपपत्र दायर करेगी.
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