चंडीगढ़ | हरियाणा में सरपंचों की तर्ज पर अब जिला पार्षद भी उन्हीं की राह पर चलते नजर आ रहे हैं. प्रदेश के 22 जिलों के 200 के लगभग जिला परिषद सदस्यों ने मांगों को लेकर हुंकार भरी है. उन्होंने कहा है कि जिला परिषद सदस्यों की शक्तियां व मानदेय सरकार को बढ़ाना चाहिए. विधायक व सांसदों की तर्ज पर ऐच्छिक निधि निर्धारित किया जाना चाहिए.
जिला पार्षदों का ये है दर्द
जिला पार्षदों का कहना है कि सरपंचों के मातहत कार्य करना पड़ रहा है. जब तक सरपंच रिजोलूश नहीं बनाते, जिला परिषद सदस्य काम आग नहीं बढ़ा पाते हैं. 35 से 45 हजार मतदाताओं के बड़े क्षेत्र का कार्य होने के बाद भी शक्तियां जिला पार्षदों की सीमित है. आपको बता दे कि इन दिनों सरपंच भी ई टेंडरिंग और अन्य मांगो को लेकर धरना कर रहे है.
पार्षदों की मांग
- 50 हजार रूपये मानदेय हो.
- 1,500 किलोमीटर का तेल दिया जाए.
- 15 हजार रूपये पेंशन लागू हो.
- जिला परिषद सदस्यों के जिलों के टोल फ्री हो.
- जिला परिषद सदस्यों से वार्ड के कार्यो की गुणवत्ता की एनओसी ली जाए.