चरखी दादरी | खेल मैदान की बात करें तो हरियाणा के खिलाड़ियों का देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी डंका बजता है. यहां के खिलाड़ी परिस्थितियों का बहाना बनाकर हार नहीं मानते, बल्कि हौसलों से ऊंची उड़ान भरते हैं. इसी कड़ी में कुछ ऐसा ही विशेष कारनामा कर दिखाया है, चरखी दादरी जिले की दिव्यांग खिलाड़ी रेखा देवी ने, जो विषम परिस्थितियों में भी अपने आप को सफलता की ऊंचाइयों पर ले गई और आज उनकी प्रतिभा को हर कोई सलाम कर रहा है.
जीतीं 3 मेडल
रेखा देवी ने दिव्यांगता का बहाना बनाकर रोना नहीं, बल्कि कठिन मेहनत और लगन से अपने आप को साबित किया और नेशनल लेवल पर पैरा तलवारबाजी में 3 पदक जीतकर हरियाणा का गौरव भी बढ़ाया और एशियन चैंपियनशिप तक पहुंच गई. अब उनका लक्ष्य पैरा ओलंपिक में पदक जीतकर तिरंगे का मान- सम्मान बढ़ाना है.
सरकारी नौकरी हुई हासिल
दिव्यांग खिलाड़ी रेखा ने बताया कि बहुत मेहनत करने के बाद भी सरकारी नौकरी नहीं मिली, तो पैरा खेलों में भविष्य संवारने का फैसला लिया. कड़ी मेहनत की बदौलत नेशनल एथलीट गेम्स में जेवलीन व डिस्कस थ्रो इवेंट में पदक जीते, तो हरियाणा सरकार में ग्रुप D की नौकरी हासिल हुई. फिलहाल उनकी पोस्टिंग बहादुरगढ़ नगर परिषद में बेलदार के पद पर हैं. उन्होंने कहा कि जिंदगी में दिव्यांगता बहुत बड़ी चुनौती थी, लेकिन अपनी विशेष परिस्थितियों को ढाल बनाकर हर मुश्किल से लड़ना सीखा. आज वह देश की सफल पैरा एथलीट भी है.
उन्होंने कहा कि नौकरी मिलने के बाद भी उनकी प्रेक्टिस जारी है. अब वो पहले से और अधिक मेहनत कर रही है. ओलम्पिक खेलों में पदक जीतकर हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाना ही अब उनका अगला टारगेट है. आज दिव्यांगता उसकी कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत बन चुकी है. रेखा ने कहा कि विषम परिस्थितियों से लड़कर आगे बढ़ने वाले ही इतिहास कायम करते हैं.
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