चरखी दादरी | पेरिस ओलम्पिक के 50 किलोग्राम भारवर्ग में फाइनल मैच से पहले 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के चलते अयोग्य घोषित की गई हरियाणा की महिला पहलवान बेटी विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) शनिवार को वतन लौट आई हैं. यहां दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया. इसके बाद, विनेश फोगाट एक रोड़ शो के जरिए 125 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए अपने पैतृक गांव बलाली पहुंची. इस दौरान बीच रास्ते उनका करीब 100 जगहों पर स्वागत किया गया.
रात 12 बजे पहुंची गांव
125 किलोमीटर लंबे रोड़ शो में करीब 13 घंटे का समय लगा. विनेश रात 12 बजे के करीब अपने गांव पहुंची. यहां पहुंचने पर उन्होंने सबसे पहले हनुमान मंदिर में माथा टेका. उसके बाद, खेल स्टेडियम में पहुंचने पर उनका ग्रामीणों ने पूरी गर्मजोशी से स्वागत किया. उन्होंने ग्रामीणों के समक्ष अपना बयान रखा.
संन्यास वापसी के संकेत
- ग्रामीणों को संबोधित करते हुए विनेश फोगाट ने संन्यास वापसी के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मैंने ऐसे गांव में जन्म लिया. आज मैं अपने गांव का कर्ज अदा करने में अपनी भूमिका निभा पाई हूं. मैं चाहती हूं कि गांव से मेरी एक बहन निकले जो मेरे रेसलिंग के रिकॉर्ड तोड़े.
- ओलिंपिक मेडल से चूकने का बहुत गहरा घाव है. मुझे लगता है कि इससे उभरने में बहुत टाइम लगता, लेकिन आज जो गांव और देश का प्यार देखा, इससे घाव भरने में हिम्मत मिलेगी. जिस रेसलिंग को मैं छोड़ना चाहती थी, या छोड़ दिया है, मैं इस पर कुछ नहीं कह सकती. आज के प्यार से मुझे बहुत हिम्मत मिली है.
- जिंदगी की लड़ाई बहुत लंबी है. हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. एक छोटा सा हिस्सा मैं पार कर पाई हूं. यह भी अधूरा रह गया. हम एक साल से लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं, वह आगे भी जारी रहेगी.
पति सोमवीर की प्रतिक्रिया
विनेश फोगाट के पति सोमवीर राठी ने कहा कि हमसे अब कुश्ती नहीं हो पाएगी. हमारे साथ कोई खड़ा नहीं था. मैं विनेश को संन्यास वापस लेने के लिए नहीं कहूंगा.
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