चरखी दादरी | हरियाणा की बेटी पूजा सांगवान ने हठपूर्वक अपना सपना पूरा करते हुए राष्ट्रीय रोइंग चैंपियनशिप में दो रजत पदक जीते हैं. ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटकर खुशी जाहिर की. जीवन में पिता का साया जब उठ जाता है तो कई लोग टूट कर बिखर जाते हैं, मगर कई बच्चे ऐसे भी होते हैं जो मेहनत के दम पर अपना और परिवार का नाम फिर भी रोशन कर जाते हैं. ऐसा ही कार्य चरखी दादरी में शहीद की बेटी ने किया है.
बताया जा रहा है कि पूजा कप्तान के तौर पर दो बार एशियाई खेलों में भारत की टीम का नेतृत्व कर चुकी हैं. वह अब तक राष्ट्रीय स्तर पर दो स्वर्ण पदक के साथ दस रजत और दो कांस्य पदक जीत चुकी हैं. इस खुशी पर पूजा ने सभी मेडल अपने शहीद पिता को समर्पित कर उनसे प्रेरणा लेकर विदेशों में देश का तिरंगा फहराने का संकल्प लिया.
कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे पिता
बता दें कि गांव मंडोला निवासी पूजा के पिता अमरचंद बीएसएफ में काम करते थे और साल 2002 में कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे. वह अपने समय के एक अच्छे एथलीट भी थे. पिता का साया उठने के बाद मां अंजुबाला और परिवार वालों ने बेटी पूजा को देश का नाम ऊंचा करने के लिए प्रेरित किया. पूजा ने 2014 में खेलना शुरू किया था और अब तक दो गोल्ड, दस सिल्वर और दो ब्राउन मेडल जीत चुकी हैं. 2015 में चीन में हुई प्रतियोगिता में पूजा आठवें स्थान पर रही थी.
वहीं, साल 2018 में इंडोनेशिया में हुए एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पूजा को छठा स्थान मिला था. उसी वर्ष पूजा ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता. अब अहमदाबाद में आयोजित राष्ट्रीय रोइंग चैंपियनशिप में दो रजत पदक जीतकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. पूजा की दादी शांति देवी ने बताया कि पोती ने मेडल जीतकर देश का नाम ऊंचा किया है.
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