चरखी दादरी | हरियाणा के जिला चरखी दादरी के रहने वाले प्रतीक का जन्म इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए हुआ है. गांव पिचौपा खुर्द निवासी प्रतीक की इस उपलब्धि से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है. उन्होंने छात्र को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है. परिवार भी काफी खुश है. प्रतीक को पीएचडी करने के लिए 2 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है.
बता दें कि प्रतीक कुमार इससे पहले सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, हरियाणा में कार्यरत था. वह जल संरक्षण कार्यक्रमों को लागू करने में सक्रिय रूप से शामिल रहता था. प्रतीक ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल कुंजपुरा से पूरी की. फिर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई से जल नीति और प्रशासन में मास्टर डिग्री प्राप्त की है. प्रतीक कुमार वर्तमान में वेल लैब्स नामक संगठन के साथ काम करता है, जो प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और कृषि आजीविका में अनुसंधान के लिए समर्पित संगठन है.
मां और पिता ने दिया साथ
प्रतीक को बेहतर शिक्षा दिलाने में उनकी मां ने शुरू से ही अहम भूमिका निभाई है. प्रतीक के पिता सुरेंद्र सिंह एक सरकारी शिक्षक हैं और उन्होंने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि अपने बेटे को गांव से विदेश तक की शैक्षणिक यात्रा पर जाते देखना एक सपने के सच होने जैसा है. परिवार का नाम भी काफी ऊंचा हुआ है. मास्टर सुरेंद्र ने कहा कि यह शोध दुनिया की सबसे विकसित प्रौद्योगिकियों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप ढालकर किसानों के लिए संपूर्ण सिंचाई प्रबंधन के तरीके खोजेगा.
300 अभ्यर्थियों में से प्रतीक को मिली जगह
प्रतीक के पिता मास्टर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रतीक को इंग्लैंड की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क में पीएचडी में दाखिला मिल गया है. इंग्लैंड सरकार के प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद से 2 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है. इसके लिए दुनिया भर से 300 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, भारत के प्रतीक इसमें सफल रहे हैं.
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