चरखी दादरी | कितलाना टोल प्लाजा पर बीते दिन रविवार को किसान महापंचायत आयोजित की गई थी. ऐसे में सूत्रों द्वारा खबर है कि किसान महापंचायत के कार्यक्रम में कुल पंद्रह हजार से भी ज्यादा संख्या में किसान मौजूद रहे थे. महापंचायत को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत, दर्शनपाल सिंह और बलबीर सिंह राजेवाल ने किसान महापंचायत के इस कार्यक्रम को संबोधित किया है. साथ ही साथ में अब यह भी कहा जा रहा है कि महापंचायत में हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर- प्रदेश की 50 से भी ज्यादा खापों के प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया है.
किसानो के नेता राकेश टिकैत ने कहा “कहीं नहीं जाएंगे किसान”
लगभग ढाई घंटे चली इस महापंचायत में मंच से पांच प्रस्ताव पारित किए गए है. ऐसे में किसान नेता राकेश टिकैत ने मंच से एलान किया कि किसानों की मांगें पूरी होने तक किसानों के द्वारा यह आंदोलन किसी भी स्थिति में बंद नहीं किया जा सकता है. जब तक किसानों की मांगें नहीं मानी जाती तब तक किसान डट कर यहीं बैठे रहेंगे. इतने समय में यानी अब तक सरकार को बात भली भांति समझ आ जानी चाहिए.
जाने, किसने की किसान महापंचायत की अध्यक्षता
किसान महापंचायत की अध्यक्षता दादरी से निर्दलीय विधायक एवं सांगवान खाप -40 के प्रधान सोमबीर सांगवान जी के द्वारा की गई है. साथ ही साथ हम आपको विशेष रूप से बता दे कि महम विधायक बलराज कुंडू ने भी महापंचायत में शिरकत की है. सांगवान खाप प्रधान सोमबीर सांगवान और फौगाट खाप- 19 के प्रधान बलवंत नंबरदार ने किसान नेताओं से अपना पक्ष रखते हुए कहा कि किसान आंदोलन को अब किसी भी हालत में कमजोर नहीं पड़ने देना है. सरकार द्वारा रचे जा रहे षड्यंतत्रो को पूरी तरह से विफल करना होगा.
आगे की वार्ता में उन्होंने कहा कि दिल्ली बॉर्डर में चल रहे धरना प्रदर्शन की जगहों पर सरकार बिजली व पानी के साथ साथ अब कुछ अन्य आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई बंद करने पर तूली हुई है. ऐसे में सरकार इस बात को अच्छी तरह से समझ ले कि किसान अब किसी भी स्थिति में पीछे हटने वाले नहीं हैं. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा की 40 सदस्यीय कमेटी में शामिल हुए बलबीर सिंह राजेवाल ने महापंचायत में स्पष्ट रूप से कहा कि किसान जमीन से अलग नहीं रह सकता, किसान हमेशा से ही धरती से जुड़े हुए हैं.
दरअसल, यह केवल आरएसएस और भाजपा के लोग ही है जो आम जनता को गुमराह करने में लगे हुए हैं किन्तु, वह कभी सफल नहीं होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों की जमीन कॉरपोरेट घरानों को सौंप देना करना चाहती है परन्तु, किसान उनके इस मंसूबे को कभी पूरा नहीं होने देंगे.
जानें, कौन से पांच प्रस्ताव हुए पास
- कृषि कानून वापिस लिए जाएं और साथ ही साथ एमएसपी की गारंटी भी तय हो जानी चाहिए.
- किसानों पर जो भी झूठे मुकदमें दर्ज किए गए हैं, उन सभी को जल्द से जल्द रद्द किया जाना चाहिए.
- दिल्ली परेड में गिरफ्तार युवाओं व किसानों को भी जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी रिहाई मिल जानी चाहिए.
- दिल्ली हिंसा में किसानों के जो वाहन जब्त किए गए हैं उन सभी वहानों को भी उनके मालिकों के पास जल्द से जल्द सौंप दिया जाना चाहिए.
- एनएच- 152 डी के लिए अधिग्रहित जमीन का उचित मुआवजा किसानों को दिया जाना चाहिए.
किसान महापंचायत में श्योराण खाप-25, फौगाट खाप-19, सांगवान खाप-40, हवेली खाप, धनखड़ खाप, चिड़िया- पांच खाप आदि खापो के मुख्य अधिकारी मौके पर मौजूद रहे.
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