चरखी दादरी | हरियाणा के जिला चरखी दादरी जिले में इन दिनों एक महिला सड़कों पर रिक्शा चलाती नजर आ रही है. यह महिला किसी फिल्म की शूटिंग नहीं कर रही बल्कि रिक्शा चालक का काम करती है और अपने परिवार का भरण- पोषण करती है. इस महिला का नाम अनीता है. अनिता का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है. उसने बताया कि मेरी शादी कम उम्र में हो गई थी तो मेरी पढ़ाई छूट गई लेकिन शादी के बाद जब बच्चों की पढ़ाई की बारी आई तो अनीता घर की दहलीज लांघकर काम करने लगीं.
ये है अनीता की कहानी
अनीता के सिर से पिता का साया उठ चुका है. पति बीमार रहते है. घर में कोई कमाने वाला नहीं है. अनीता के सामने अपना और अपने परिवार का पेट भरने का सवाल था. घर का खर्च चलाने के लिए ई- रिक्शा चलाकर अनीता दादरी जिले की पहली महिला ऑटो चालक बन गई हैं. अनीता आत्मनिर्भर बनकर न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि अन्य महिलाओं का भी पालन- पोषण करना चाहती हैं. साथ ही, सभी को ये भी बताना चाहती हैं कि महिलाएं भी पुरुषों की तरह कोई भी काम कर सकती हैं.
शहर की बनी पहली महिला ई- रिक्शा चालक
दादरी की रहने वाली ई- रिक्शा चालक अनीता ने अपने जज्बे से शहर की अन्य महिलाओं को राह दिखाई है. उन्होंने अपने बीमार पति और बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेकर साहस दिखाया है. ई- रिक्शा चलाकर वह अपने पति के इलाज और बच्चों की देखभाल के साथ- साथ रिक्शा का कर्ज भी चुका रही हैं. गौरतलब है कि अनीता दादरी जिले की पहली महिला ऑटो चालक बन गई हैं.
पति बीमार, तीन बच्चों के पालन- पोषण का बोझ
परिवार की आर्थिक तंगी दूर करने के लिए अनीता ई- रिक्शा चलाने को मजबूर है. अनीता ने बताया कि मेरे पास पति के इलाज और बच्चों के पालन- पोषण के लिए डॉक्टरों का खर्च उठाने का यही एकमात्र तरीका है. रानी संस्था की अध्यक्ष झांसी प्रियंका प्रजापति ने बताया कि सामाजिक ताने- बाने और पुरुषवादी सोच से अलग हटकर अनीता ने बेहद साहसी कदम उठाया है. संस्था के अन्य सदस्यों ने भी अनिता का हौसला बढ़ाया.
नगर परिषद सभापति ने किया सम्मान
महिला यात्री भी अनीता के ई- रिक्शा में सफर कर काफी खुश हैं. वे कहते हैं कि अनीता दीदी के ई- रिक्शा में सफर करने में कोई डर नहीं लगता. अनिता दीदी हम सभी के लिए प्रेरणा हैं. नगर परिषद सभापति बक्सी सैनी ने अनीता के जज्बे को सलाम करते हुए उसे सम्मानित किया और महिलाओं को समाज में प्रेरणा बनकर आगे बढ़ने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर काम करने में सक्षम हैं. खुशी है कि अनिता दादरी जिले की पहली महिला ऑटो चालक बन गई हैं.
जीवन में परेशानियां तो आएंगी ही: अनीता
अनीता ने कहा कि जीवन में कठिनाइयां तो आती हैं लेकिन इन कठिनाइयों के बीच ही अपना रास्ता ढूंढना पड़ता है. महीनों पहले पति के बीमार होने से परिवार पूरी तरह टूट गया था. परिवार को संभालने की पूरी जिम्मेदारी अब मेरे कंधों पर आ गई है. झाँसी की रानी संगठन की मदद से आज वह न सिर्फ अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं बल्कि अपने जैसी अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल भी हैं.
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