इस संक्रमणशील विस्फोटक महामारी को देखते हुए कोरोना वैक्सीन का इंतजार पूरे विश्व में बेसब्री से है. क्योंकि इसने लोगों के जीवन जीने के तरीकों में आमूलचूल परिवर्तन लाया है. इसलिए ही आज मास्क, सेनेटाइजर इत्यादि हमारी दिनचर्या का अत्यन्त आवश्यक अंग बन गए हैं. जिनके बिना हम घर से बाहर निकलने की कल्पना भी नहीं कर सकते. चूंकि पूरे विश्व के देश अपने अपने स्तर पर इस महामारी की दवा विकसित करने में लगे हैं परन्तु फिर भी यह वैक्सीन कोई चमत्कार नहीं दिखाने वाली, क्योंकि यह हमारे अंदर हर्ड इम्युनिटी को बढ़ावा देने के साथ हमे इस बीमारी से लड़ने की ताकत देगी परन्तु फिर भी यह इस बीमारी के संभावित खतरों को जड़ से खत्म करने में सक्षम नहीं होगी.
हालांकि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इसे 60 से 70% तक के सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने की दिशा में दिन रात प्रयोग कर रहे हैं. भारत व कुछ अन्य देशों में तो यह वैक्सीन अब ह्यूमन ट्रायल के फेज पर है परन्तु इसके बाद भी खतरा बरकरार रहने वाला है. वैक्सीन आने के बाद भी हम एकदम से महामारी से पहले वाली जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकते क्योंकि यह शतप्रतिशत परिणाम नहीं देने वाली. इतना ही नहीं बल्कि आम जनता तक पहुंचाने में इसे अच्छा खासा वक्त लग सकता है इसलिए हमें अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं ही लेनी होगी.
अतः सोशल डिस्टनसिंग व अन्य सुरक्षा उपकरणों को हमें एकदम से निकालकर फेंकने से बचना होगा तभी हम इस जंग से जीत पाएंगे. वैक्सीन विशेषज्ञ मारिया एलेना बोट्टाती का कहना है कि वैक्सीन मिलने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि हम अपना मास्क इत्यादि फेंक दें. अपितू हमें इन चीजों के साथ अभी कुछ महीने और बिताने होंगे. तभी हम इसे पूरी तरह से हरा पाएंगे क्योंकि वैक्सीन कोई जादू नहीं जो एकदम से बीमारी को मिटा देगी.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!