नई दिल्ली। कोविड-19 कोरोना महामारी को जड़ से समाप्त करने के लिए विश्व भर के वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं. फिलहाल कुछ कोरोना वैक्सीनों को तो मंजूरी भी मिल चुकी है. अमेरिका की कंपनी फाइजर ने भी कोरोना वैक्सीन बनाई है, जिसका नाम फाइजर कोरोना वैक्सीन है. अब फाइजर कंपनी अपने कोरोना वैक्सीन के टीके के भारत में आपातकालीन प्रयोग की अनुमति मांग रही है. इससे पहले इस टीके के प्रयोग की मंजूरी ब्रिटेन ने दी थी. वहां के लोगों को इसी हफ्ते से फाइजर कोरोना ववैक्सीन का टीका दीया जाने लगेगा.
बता दें कि अब तक पूरे विश्व भर में कोरोना के 6,68,47,833 केस आ चुके हैं. इन मामलों में से 46235859 कोरोना मरीज़ ठीक हो चुके हैं. वहीं दूसरी ओर 15,34,344 लोग कोरोना की वजह से अपनी जान गंवा बैठे हैं.
फाइजर के सामने है तीन बड़ी चुनौतियां
अब भारत सरकार से अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने अपनी कोरोना वैक्सीन के भारत में प्रयोग करने की अनुमति मांगी है. भारत में फाइजर कंपनी के सामने तीन बड़ी चुनौतियां हैं.
- फाइजर कोरोना वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए कम से कम -70 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर कोल्ड चेन होना अनिवार्य है. लेकिन यह सुविधा भारत के किसी भी जिले में उपलब्ध नहीं है.
- भारत में वैक्सीन की अनुमति के लिए सबसे पहले देश में इसका परीक्षण किया जाना आवश्यक है, इसलिए फाइजर कंपनी को मंजूरी तभी दी जा सकेगी जब भारत इस कोरोना वैक्सीन का परीक्षण कर ले.
- फाइजर कंपनी ने अपने आवेदन में इस कोरोना वैक्सीन से दुष्प्रभाव होने पर भारत सरकार द्वारा मुआवजा देने की मांग की है, लेकिन इसका कोई आधार नहीं है.
अनुमति मांगने वाली बनी पहली स्वदेशी कंपनी
भारत में ऑक्सफर्ड के कोविड-19 कोरोना वैक्सीन टीके “कोविडशील्ड” के ऐमरजेंसी यूज की औपचारिक अनुमति प्राप्त करने के लिए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया (AII) ने भारतीय औषधि महानियंत्रक से आवेदन किया है. इस प्रकार यह पहली स्वदेशी कंपनी बन गई है जिसने कोरोना वैक्सीन के प्रयोग की अनुमति मांगी है. एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी की तरफ से कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सा आवश्यकताओं और बड़े स्तर पर जनता के हित का हवाला देकर अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया गया है.
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