सोनीपत । तीनों कृषि कानूनों को लेकर पिछले साढ़े पांच महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इस बीच सोनीपत कुंडली बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में कोरोना महामारी की वजह से दो किसानों की मौत हो गई है. एक मृतक किसान बलबीर पटियाला से जबकि दूसरा मृतक किसान लुधियाना का रहने वाला था. पटियाला निवासी मृतक किसान बलबीर की कोरोना रिपोर्ट पोजिटिव आई है. वहीं किसान नेताओं का कहना है कि सरकार जानबूझकर कोरोना की आड़ लेकर किसान आंदोलन को खत्म करना चाहती है.
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार कोरोना के लिए आंदोलन को जिम्मेदार ठहराते हुए हमें बदनाम करने में लगी हुई है. वहीं सोनीपत सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम अधिकारी डॉ गिन्नी लाम्बा ने बताया कि दोनों किसानों का कोरोना टेस्ट पुलिस के कहने पर किया गया है.
वहीं धरनास्थल पर साथ रह रहे किसानों ने बताया कि मृतक बलबीर सिंह को पिछले कुछ दिनों से बुखार आ रहा था. उसमें कोरोना महामारी के लक्षण नजर आ रहे थे. वहीं आंदोलन स्थल पर बहुत से किसान ऐसे हैं जिनको खांसी, जुखाम तथा बुखार की शिक़ायत है परन्तु वे कोरोना की जांच के लिए आगे नहीं आ रहे हैं.
कई महीनों से जारी है आंदोलन
गौरतलब है कि तीनों कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ किसान संगठनों का धरना पिछले क़रीब साढ़े पांच महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर निरंतर जारी है. सरकार की ओर से कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए किसानों से आंदोलन को खत्म करने की अपील भी की जा रही है लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. किसानों का साफ तौर पर कहना है कि जब तक बिल वापसी नहीं,तब तक घर वापसी नहीं. वहीं केन्द्र सरकार ने भी दो टूक शब्दों में कहा है कि कानून वापिस लेने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता है, हां अगर कृषि कानूनों में कोई खामी है तो उसे दूर किया जा सकता है.
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