चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी कर्मचारियों व पेंशन धारकों के हित के लिए एक बड़ा व अहम निर्णय लिया है. ऐसे में इस निर्णय के तहत सरकार इन्हें कैशलैस हेल्थ स्कीम का फायदा प्रदान करवा सकती है, और यहां खुशखबरी यह होंगी कि आने वाले कुछ ही दिनों में नए साल से ही यह मिलना भी शुरू हो जाएगा. इस अहम फैसले को लेकर सी एम मनोहर लाल खट्टर ने बैठक का भी आयोजन किया था. जहां एक ओर इस अहम फैसले पर मुहर लगाई गई है कि नए साल से ही कर्मचारियों और पेंशन धारकों को कैशलैस हेल्थ स्कीम का लाभ दिया जा सकता है.
वहीं दूसरी ओर संवादाताओं से बातचीत के दौरान एक अधिकारी ने बताया है कि, सूबे की सरकार इस योजना तहत लगभग 18 लाख परिवारों को फायदा पहुंचा सकती है. साथ ही साथ में इन सभी परिवारों के लिए योजना की शुरुआत नए साल के शुरूआती दौर से किए जाने की तैयारियां भी ज़ोर शोर चल रही हैं.
ऐसे कर्मचारियों के लिए पहले भी लिया गया था फैसला
सरकार ने एक दफा इस मामले से पहले भी आउट सोर्सिंग के अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारियों को लेकर भी बड़ा फैसला लिया था. जहां एक तरफ सी एम खट्टर सरकार ने यह यह ऐलान कर दिया था कि, आउटसोर्सिंग पॉलिसी के अन्तर्गत काम कर रहे कर्मचारियों को एक राहत का अनुभव करवाते हुए माहामारी के समय पर लगे लॉकडॉउन के बीच मुश्किल से गुजर बसर हुए दो महीने का वेतन दिए जाने की घोषणा कर दी है. ऐसे में इस मामले के लिए स्पष्ट रूप से जानकारी देते हुए एक अधिसूचना भी जारी कर दी है.
सवा लाख कच्चे कर्मचारियों को मिलेगा लोकडाउन का वेतन
साथ ही साथ में अब प्रदेश में लगभग सवा लाख कच्चे कर्मचारी हैं जो अनुबंध आधार पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्हीं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह निर्णय लेते हुए बयान जारी कर कहा है कि, आउट सोर्सिंग कर्मियों को तेज़ी से फैलती महामारी अर्थात लॉकडाउन के समय यानी मार्च और अप्रैल माह का पूरा वेतन देने का निर्णय लिया गया है. साथ ही साथ स्पष्ट रूप से यह भी साफ़ कर दिया कि अगर कोई भी कर्मचारी हाट्रोन से संबंधित भी कार्यरत था तो भी सरकार की ओर से उस व्यक्ति को दो माह का वेतन दिया जा सकता है. जिन कर्मचारियों के वेतन का भुगतान अक्टूबर माह तक नहीं किया गया, उन्हें भी वेतन सरकार द्वारा वेतन देने के लिए अलग से दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
लॉक डाउन में काम किया या नहीं, कोई फर्क नहीं पड़ता, मिलेगा पूरा वेतन
सामान्य प्रशासन विभाग ने इस मामले में सभी प्रशासनिक सचिवों, अलग अलग विभागों के अध्यक्ष, बोर्ड व निगमों और सरकारी संस्थाओं के प्रबंध निदेशक, मंडलों के आयुक्त, हाई कोर्ट और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार, उपायुक्तों और एस डी एम को लिखित रूप से आधिकरिक सूचना देते हुए आदेश जारी कर दिए हैं. इन सभी सूचनाओ में स्पष्ट रूप से आदेश जारी करते समय साफ किया गया है कि मार्च व अप्रैल के माह में लगें लाकडाउन के समय का पूरा वेतन इन सभी कर्मचारियों को दिया जाना चाहिए. फिर चाहे इन दो महीने में इस सभी लोगो द्वारा इनके कार्यालय में इनके द्वारा काम किया गया हो या नहीं, परंतु इन्हें वेतन पूरा ही दिया जाएगा.
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