चंडीगढ़ | चीन में कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर मचा बवाल के बाद भारत के तमाम राज्य अलर्ट हो गए हैं. हालांकि, हरियाणा में अभी स्थिति सामान्य है. गुरुवार को सिर्फ दो नए कोरोना मरीज मिले हैं लेकिन कोरोना से बचाव को लेकर तैयरियां कमजोर है. राज्य में सिर्फ 8 फीसदी लोगों को बूस्टर डोज मिला है और 12 फीसदी लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए जरूरी वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं ली है.
कोरोना के मामलों की कर रहे समीक्षा
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार कोरोना के मामलों की समीक्षा कर रहे हैं. कोरोना केस की चेन को तोड़ने के लिए विभाग की ओर से रोजाना चार हजार से अधिक लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं. प्रदेश में फिलहाल 21 मरीज ही एक्टिव हैं. इनमें से किसी भी मरीज की हालत गंभीर नहीं है. राहत की बात यह है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर 0.05 प्रतिशत और मरीजों के ठीक होने की दर 98.98 प्रतिशत है. राज्य में अब तक 10,714 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है.
इन बातों का रखें ध्यान
पीजीआईएमएस रोहतक में पल्मोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. ध्रुव चौधरी ने बताया कि जब तक जरूरी न हो किसी को भी एंटीबायोटिक्स और ऑक्सीजन नहीं लेनी चाहिए. इनका बेवजह इस्तेमाल करना घातक साबित होगा. वायरल इंफेक्शन में एंटीबायोटिक्स काम नहीं करती हैं और बिना साफ-सफाई के ऑक्सीजन लेने से ब्लैक फंगस का डर रहता है.
सोनीपत में वैक्सीन खत्म, नहीं बना आइसोलेशन वार्ड
सिविल अस्पताल में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर कोई तैयारी नहीं है. बच्चों को दिया जाने वाला कॉर्बावैक्स वैक्सीन एक महीने पहले ही एक्सपायर हो गया था. कोविशील्ड का टीका 14 दिन से खत्म हो गया है. वहीं, मुख्यालय ने Covaxin को वापस मंगा लिया है. अस्पताल में उपलब्ध Covaxin की वैलिडिटी 31 दिसंबर तक है.
कोरोना संक्रमितों को भर्ती करने के लिए अभी तक कोई वार्ड नहीं बनाया गया है. कोरोना की जांच के लिए रोजाना करीब 30 लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं. जिला अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट हैं जिनमें से एक प्लांट का उपयोग किया जा रहा है. इसी तरह मेडिकल कॉलेज खानपुर कलां में भी दो ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं. गोहाना के सिविल अस्पताल में लगा ऑक्सीजन प्लांट अभी तक शुरू नहीं हुआ है.
रोहतक में भी नहीं है तैयारी
जिले के अस्पताल में किसी भी कोरोना मरीज का इलाज नहीं चल रहा है और नए केस भी नहीं मिल रहे हैं. टेस्ट भी घटकर 100 से कम रह गए हैं. इसके चलते छह आइसोलेशन वार्ड को सामान्य वार्ड की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. पीजीआई का ब्लॉक-सी और डे केयर कोविड मरीजों के लिए सुरक्षित है. सिविल अस्पताल में भी 32 बेड का आईसीयू खाली पड़ा है. जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग मरीजों के सैंपल महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी और आईसीएमआर लैब भेज रहा है.
नारनौल की स्थिति
नारनौल के सिविल अस्पताल में कोरोना के दौरान बनाए गए आइसोलेशन वार्ड का इस्तेमाल अब दूसरे मरीजों के लिए किया जा रहा है. जिला मुख्यालय पर स्थापित ऑक्सीजन प्लांट का संचालन समय-समय पर किया जा रहा है ताकि यह सुचारू रूप से कार्य करता रहे. सिविल अस्पताल के पुराने भवन में कहीं-कहीं खिड़कियां आदि टूटी हुई हैं लेकिन उपचाराधीन मरीजों के कमरों में खिड़कियां आदि की मरम्मत की गई है. अधिकांश मरीज सिविल अस्पताल के नए भवन में ही भर्ती हैं.
जींद में आइसोलेशन वार्ड को जनरल वार्ड में किया शिफ्ट
अभी तक जिले में कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं आया है. कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं. आइसोलेशन वार्ड को भी जनरल वार्ड में बदल दिया गया है. डेढ़ साल बाद भी स्वास्थ्य विभाग आईसीयू शुरू नहीं कर सका है.
हिसार में पांच फीसदी को ही मिला बूस्टर डोज
सिविल अस्पताल में ओपीडी में आने वाले मरीजों को डॉक्टर मास्क लगाने की हिदायत दे रहे हैं. जिले में अभी तक पांच फीसदी लोगों को ही बूस्टर डोज लग पाया है. अस्पताल में कोविशील्ड दवा खत्म हो चुकी है. कोवैक्सिन की 500 खुराकें बची हैं। वैक्सीनेशन के लिए आने वालों को कोवैक्सीन लगाई जा रही है.
फतेहाबाद में जांच के लिए बजट नहीं
कोरोना संक्रमण को लेकर अलर्ट जारी करने के बाद अब खांसी, जुकाम और बुखार से पीड़ित सभी मरीजों का कोविड टेस्ट कराने के आदेश दिए गए हैं. कोरोना संक्रमित केस मिलने पर सैंपल दिल्ली स्थित लैब में वैरिएंट जानने के लिए भेजा जाएगा लेकिन विभाग के पास कोविड सैंपल भेजने के लिए बजट नहीं है.
प्रदेश में टीकाकरण की स्थिति
खुराक | लोग | प्रतिशत |
पहला | 2,36,71,671 | 100 |
दूसरा | 1,98,26,325 | 88 |
बूस्टर | 19,50,396 | 8 |