नई दिल्ली । कोविड-19 कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इस्तेमाल होने वाले फेस मास्क के प्रभावी होने से संबंधित मामलों पर पहले भी कई अध्ययन सामने आ चुके हैं. किस मटेरियल से बना हुआ फेस मास्क ज्यादा प्रभावी है इस संबंध में वैज्ञानिकों द्वारा एक और अध्ययन किया गया है.
वर्तमान में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्यन के अनुसार मास्क में हुए बदलावों और उनके प्रभावी स्तर का मूल्यांकन किया गया है. अध्ययन में यह सामने आया है कि सामान्य मास्क की अपेक्षा नायलॉन से बने हुए दो परतों वाले मास्क अधिक प्रभावशाली होते हैं.
वायरस के संपर्क में आने के आधार पर हुआ मास्क का मूल्यांकन
कोरोना संक्रमण से स्वयं को बचाने के लिए चेहरा ढकने के लिए अनेक उपकरणों और मास्को का उपयोग किया जा रहा है. अनेक प्रकार के मास्को को बाजारों में बिकते हुए देखा जाता है. माना जाता है कि यह नई-नई चीजें परंपरागत मास्को की अपेक्षा कोरोना वायरस से अधिक बचाव करती हैं. लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार चेहरा ढकने के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण और मास्क का अभी बहुत कम अध्ययन हो पाया है. अभी वैज्ञानिक मास्को की गुणवत्ता का मूल्यांकन वायरस के संपर्क में आने के आधार पर कर रहे हैं.
नायलॉन की परतों से बने सर्जिकल मास्क बहुत उपयोगी
वैज्ञानिकों के अनुसार वायु में मौजूद कोरोना वायरस से मनुष्य को बचाने में सर्जिकल मास्क 38.5 प्रतिशत तक प्रभावी हैं. लेकिन यह तब ही संभव हो पाता है जब इनको कान पर अच्छे से कसकर बांधा जाए. अगर इसे सटीकता से बांधा गया तो इसका प्रभाव बढ़ जाता है और कोरोना संक्रमण से लगभग 60.3 प्रतिशत बचाव हो जाता है. वैज्ञानिकों के अध्ययन के अनुसार अब सर्जिकल मास्क को नायलॉन की परतों को आपस में जोड़ते हुए बनाया जाता है ताकि इसकी गुणवत्ता 80 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सके.
मास्क को अच्छी प्रकार से बांधकर पहने
अमेरिका स्थित यूनिवसिर्टी ऑफ नार्थ कैरोलिना (यूएनसी) से सबद्ध स्कूल ऑफ मेडिसीन के वैज्ञानिक भी इस अध्ययन में शामिल थे. इमिली सिकबर्ट बेनेट रिसर्च पेपर के लेखक और वैज्ञानिक थे. उन्होंने कहा कि किसी के संपर्क में आते समय या फिर बाहर घूमते समय कोरोना वायरस की मात्रा को कम करना बहुत आवश्यक होता है. यदि व्यक्ति अधिक वायरस के संपर्क में आता है तो उसके बीमार होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. अर्थात मास्क भी आपकी रक्षा तभी कर पाएगा जब आप इसे अच्छी प्रकार से बांधकर पहनेंगे.
N-95 मास्क सबसे अधिक प्रभावशाली
वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया है कि सूती कपड़े से बने हुए मास्क केवल 49% ही प्रभावशाली होते हैं लेकिन N-95 मास्क 95 प्रतिशत तक कोरोना वायरस से बचाता है. इसके साथ ही यदि मास्क को नाक के पास से दबाने वाली क्लिप के साथ यूज़ किया जाए तो इसका कार्य और अधिक बेहतर हो जाता है. समय-समय पर अपने मास्क को धोते रहना चाहिए.
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