नई दिल्ली । कोविड-19 कोरोना महामारी के दौरान भले ही विश्व भर के लोगों को दुश्वारियों और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा है. परंतु इस दौरान दवा कंपनियों ने भारी मुनाफा कमाया है. अमेरिका की दो कंपनियां फाइजर और मॉडर्ना कोरोना वैक्सीन बनाकर सबसे अधिक कमाई करने वाली कंपनियों में सबसे आगे आ गई हैं.
दवा कंपनियों ने कमाया भारी , आगे का है यह अनुमान
पिछले वर्ष फाइजर-बायोएनटेक ने 9.6 अरब डॉलर का लाभ कमाया था जो अब साल 2021 में बढ़कर 15 अरब डॉलर का हो गया है. इसके साल 2022 में 8.6 अरब डॉलर और वर्ष 2023 में 1.95 अरब डॉलर का लाभ कमाने का अनुमान है. मॉडर्ना ने कहा है कि साल 2021 में वैक्सीन की बिक्री मुनाफा 19 अरब डॉलर तक रहने की आशा है, जो साल 2022 में बढ़कर 12.2 अरब डॉलर और साल 2023 में बढ़कर 11.4 अरब डॉलर तक हो सकती है. ब्रिटिश कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनेका ने महामारी के समाप्त होने तक कोई भी मुनाफा न कमाने की नीति को अपनाया था. इसके बावजूद भी यह दोनों कंपनियां बहुत फायदे में हैं.
दवा कंपनियों के शेयर में आया भारी उछाल
विश्व भर की टीका उत्पादक कंपनियों के शेयर में भारी उछाल देखने को मिला है. शेयरधारकों को इसका बड़ा फायदा मिल रहा है. बायोएनटेक के शेयर में 156 फीसदी और फाइजर के शेयर में करीबन 2 फ़ीसदी का उछाल आया है. मेन बात तो यह है कि अगर कुछ नियमित अंतराल के पश्चात कोरोना की वैक्सीन की खुराक दोहराने की आवश्यकता पड़ी तो कंपनियों को और अधिक मुनाफा होगा. 1 वर्ष के दौरान मॉडर्ना के शेयरों में 300 फीसदी से अधिक का भारी उछाल देखने को मिला है. इस कंपनी का केवल 9 फीसदी शेयर रखने वाले इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब 5 अरब डॉलर के मालिक हैं.
10 डॉलर या इससे कम कीमत का टीका
एस्ट्राजेनेका ने अपनी दो खुराक का मूल्य 4.5 से लेकर 10 अमेरिकी डॉलर रखा है. अमेरिका में जॉनसन एंड जॉनसन 10 डॉलर प्रति टीके की दर से वैक्सिन बेच रही है. नोवावैक्स के अनुसार उनकी वैक्सीन की दोनों खुराक का मूल्य अफ्रीकी देशों में तीन अमेरिकी डॉलर होगा.
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