नई दिल्ली | कोरोना वायरस यानी महामारी की ज्यादातर भारतीय वैक्सीन (Corona Vaccine) के अन्तिम चरण का ट्रायल आने वाले अगले दो महीनों में पूरा हो सकता है, यहां खास बात यह है कि यह दवाई काफी ज्यादा सस्ती हो सकती है. केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी ने वार्ता के दौरान बताया कि कोविड- 19 की स्वदेशी वैक्सीन का ट्रायल आने वाले अगले एक से दो महीने में पूरा किए जाने की उम्मीद है. एक वेब कॉन्फ्रेंस के समय पर स्वास्थ्य मंत्री जी ने यह बात सामने रखी थी.
जुलाई तक 20 से 25 करोड़ भारतीयों का हो सकता है टीकाकरण
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आई सी एम आर और भारत बायोटेक ने इसी महीने कोवैक्सिन (COVAXIN) के तीसरे चरण के परीक्षण को शुरू कर दिया है, जिसमें 26,000 लोग अपनी इच्छा से हिस्सा ले रहे हैं. सूत्रों के अनुसार यह भी बताया जा रहा है कि यह सबसे उन्नत भारतीय प्रायोगिक टीका है.
केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी ने कहा है कि, ‘हम अपने स्वदेशी टीके को बनाने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं. हम अगले एक -दो महीनों के भीतर में तीसरे चरण के परीक्षण को पूरा करने की प्रक्रिया में है. हर्षवर्धन ने यह भी एक बार फ़िर से यह भी बताया है कि सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना के अन्तर्गत जुलाई तक 20 से 25 करोड़ भारतीयों का टीकाकरण हों जानें की सम्भावना जताई जा रही है.
100 रुपए के करीब हो सकती है, टिके की क़ीमत
ऐसा भी कहा जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन यानी महामारी से निपटने की दवाई के स्वदेशी टीके की कीमत लगभग 100 रुपए के करीब हो सकती है. दरअसल, अभी तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. ऐसा भी माना जा रहा है कि लगभग मार्च या अप्रैल तक कोरोना महामारी का स्वदेशी टीका भारत में उपलब्ध हो सकता है.
कोरोना वॉरियर्स को सबसे पहले दी जाएगी वैक्सीन
फ़िलहाल में ही केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी ने अपना पक्ष रखते हुए बताया है कि वैक्सीन यानी कोरोना की दवाई बनाने के क्षेत्र में हम दुरूस्ती से काम कर रहे हैं. भारत वैक्सीन को बनाने में संपूर्ण विश्व के किसी भी देश से, किसी भी हालत में अब पीछे नहीं हैं. अब आने अगले साल यानी 2021 की शुरुआत में ही भारत में वैक्सीन लोगों के लिए संपूर्ण रूप से उपलब्ध करवा दी जा सकती है.
स्वास्थ्य विभाग और बुजुर्गों को भी मिलेगा लाभ
साथ ही साथ स्वास्थ्य मंत्री जी ने यह भी बताया है कि कोरोना वैक्सीन यानी कोरोना की दवाई जब भी बनकर तैयार हो जाएगी, तो उसे सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों को और बुजुर्गों को यानी जो लगभग 65 वर्ष की आयु से अधिक उम्र के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. उसके बाद फिर ये दवाई 50 वर्ष से 65 साल तक की आयु वाले लोगों को इस वैक्सीन को दिया जाएगा. इस तरह से सबसे पहले मरीजों को इस कोरोना वैक्सीन का लाभ होगा और उसके पश्चात् बुजुर्गों व स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों को , इससे हर एक स्तर पर सभी को लाभ मिल सकता है.
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