नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में पिछले काफी दिनों से कोरोना के केस लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना के इन नए मामलों से सतर्क होकर दिल्ली सरकार ने पूरी दिल्ली में लॉकडाउन घोषित करने की तैयारी पूर्ण कर ली है. दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों जैसे बाजारों में लॉकडाउन लगाने की अनुमति मांगी है, जिन स्थानों के कोरोना हॉटस्पॉट बन सकने की आशंका है. दिल्ली सरकार ने इसके लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है.
दिल्ली के बाजारों में हुई कोरोना गाइडलाइंस की अनदेखी
हालांकि, एक दिन पूर्व ही स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने राजधानी दिल्ली में दोबारा से लॉकडाउन लगाने की अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए बरखास्त कर दिया था. प्रेस मीडिया से हुए वार्तालाप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि दिल्ली के कुछ बाजारों में दीवाली के दौरान भारी भीड़-भाड़ देखने को मिली. इन बाजारों में लोगों ने ना तो मास्क लगा रखा था और ना ही किसी प्रकार की सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की गई थी. लोगों की इसी लापरवाही की वजह से कोरोना संक्रमण तेजी से फैला है.
जहां हुई कोरोना गाइडलाइंस की अनदेखी, वहां लगेगा लॉकडाउन
ऐसी स्थिति में दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा है. दरअसल, पिछली बार केंद्र सरकार ने कोरोना गाइडलाइंस में साफ शब्दों में कहा था कि यदि कोई भी राज्य सरकार राज्य में छोटे स्तर पर यह स्थानीय लॉकडाउन लगाना चाहती है तो उसे सबसे पहले केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आशा जताई है कि दीपावली के त्यौहार के समाप्त होने के पश्चात अब बाजारों में भीड़ भाड़ कम ही होगी और स्थानीय लेवल पर लॉकडाउन लगाने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी, लेकिन अगर आवश्यकता पड़ी तो सरकार शटडाउन के विकल्प को भी आजमा सकती हैं. इसके लिए इस बात का आंकलन किया जाएगा कि बाजारों में लोग मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे निर्देशों का सही से पालन कर रहे हैं या नहीं और क्या वह क्षेत्र कोरोना हॉटसपोर्ट बन सकता है या नहीं.
यदि किसी भी क्षेत्र में इस प्रकार की लापरवाही देखने को मिलती है तो एहतियात के तौर पर कुछ दिनों के लिए उस बाजार को बंद किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि जैसे ही केंद्र सरकार से इसके लिए अनुमति मिलती है वैसे ही इस विकल्प को लागू कर दिया जाएगा.
शादी विवाह में सम्मिलित होने वाले लोगों की संख्या 200 से घटाकर 50 की
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि अब शादी-ब्याह के फंक्शन में 200 की अपेक्षा केवल 50 लोगों को ही सम्मिलित होने की अनुमति दी जाएगी. इसका प्रस्ताव मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेज दिया गया है. कुछ हफ्ते पहले राजधानी दिल्ली में कोरोना की स्थिति में सुधार आ जाने पर राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय निर्देशों के मद्देनजर शादी-विवाह में सम्मिलित होने वाले लोगों की संख्या 50 से बढ़ाकर 200 कर दी गई थी. लेकिन कोरोना संक्रमण के इन लगातार बढ़ते हुए मामलों को देख कर राज्य सरकार ने इस आदेश को वापस लेने का निर्णय कर लिया है.
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