पानीपत । सरकार ने कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए रात 10 से सुबह 4 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है. इस कर्फ्यू की सबसे ज्यादा मार टेक्स्टाइल नगरी पर पड़ती दिख रही है. उधमियों को फैक्ट्रियों में रात की शिफ्ट रद्द करनी पड़ी है. अब एक ही शिफ्ट में 12 घंटे उधोगों को चलाया जा रहा है. उधर महाराष्ट्र और गुजरात में भी नाइट कर्फ्यू लगने की वजह से वहां धागे और कंबल की सप्लाई बंद हैं. उधमियों के गोदामों में आर्डर तैयार पड़े हैं.
दूसरी ओर प्रवासी मजदूरों को भी दोबारा से लाक डाउन का डर सताने लगा है. उधमियों को उनको समझाने और मनाने के लिए प्रयास करने पड़ रहे हैं. पानीपत के धागा उधमियों को चीन से उच्च तकनीक की मशीनों का आयात करना था लेकिन कोरोना के चलते ये प्रोजेक्ट भी अटक गया है. इन मशीनों से ही पतला धागा बनाया जाता है.
देश के दूसरे हिस्सों में लगे लाकडाउन का टेक्स्टाइल नगरी पर असर
पानीपत पूरे देश में चादर, कंबल,बाथमेट और धागे का निर्यात करता है. अधिकतर धागा पूर्वी उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना में जाता है. उन राज्यों में भी कोरोना संक्रमण की स्थिति गंभीर होने की वजह से सरकारों ने शाम से सुबह तक का लाकडाउन लगा रखा है. वहां पर उत्पादों का निर्यात नहीं हो रहा है.
सरकार के दिशानिर्देश अनुसार नाइट शिफ्ट कंसल होने के कारण धागे और कंबल का निर्यात पूरी तरह से बाधित हो गया है. उधोगों पर नाइट कर्फ्यू का 30% तक असर पड़ेगा.- प्रीतम सचदेवा, प्रधान, पानीपत इंडस्ट्रियल एसोसिएशन
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