केन्द्र सरकार ने उन छोटे स्ट्रीट वैंडर्स, ठेलेवाले, रेहडी लगाने वालों के लिए आर्थिक मदद देने हेतु जून महीने में कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया कि ऐसे कामगार जो अपना खुद का काम नए सिरे से शुरू करने के इच्छुक हैं ऐसे विक्रेताओं को सरकार 10000₹ तक का लोन या कार्यशील ऋण देगी.
इस योजना को प्रधानमंत्री (स्ट्रीट वैंडर्स) सड़क विक्रेता आत्मनिर्भर निधि के नाम से भी जाना जाता है. इसका लाभ सभी छोटे सड़क किनारे रेहडी लगाने वाले विक्रेताओं को दिया जाएगा. इस योजना के लाभार्थी सभी वैंडर्स यानि जिनके पास विक्रय प्रमाण पत्र नहीं है, वो भी बन सकते हैं. उनके पास केवल कोई पहचान पत्र होना अनिवार्य होगा.
क्या है यह योजना?
स्वनिधि योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा एक साल की अवधि के लिए लोन दिया जाता है. जिसे मासिक किस्तों में लौटाने का प्रावधान किया गया है. इसके आवेदन हेतू किसी प्रकार की गारंटी की जरूरत नहीं होगी, अर्थात यह लोन शर्तरहित दिया जा रहा है. साथ ही, इसे समय पर चुकाने पर 7 प्रतिशत का वार्षिक ब्याज सब्सिडी के तौर पर वैंडर्स के खाते में हस्तांतरित भी किया जाएगा. अब तक इसके लिए 2 लाख आवेदन आ चुके हैं. जिनमें से 50 हज़ार को कर्ज आबंटित भी किया जा चुका है. इस योजना को 5000 करोड़ ₹ की मंजूरी मिली है.
कैसे करें आवेदन?
आवेदक को इसके लिए स्वनिधि पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. जिसमें किसी एक पहचान पत्र की जरूरत होगी, साधरण परिस्थितियों में उसे 1 महीने में मंजूरी मिल जाएगी. साथ ही, सरकार ने इस सम्बंध में अधिक जानकारी लेने हेतु स्वनिधि एप भी लॉन्च किया है जिसमें सभी जरूरी कागजात व अन्य जानकारी उपलब्ध हैं. अतः यह योजना उन वैंडर्स के लिए वरदान की तरह है जिनका धंधा लॉक डाउन के दौरान बिल्कुल ठप्प पड़ गया था. इस योजना का लाभ उठा कर वो फिर से अपने काम को शुरू कर सकते हैं.
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