लाइफस्टाइल । स्पेन के एक अस्पताल में 200 मरीजों का निरीक्षण करके पता लगा कि लगभग 80 फ़ीसदी कोरोना के मरीजों में विटामिन डी की कमी है . और महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह कमी अधिक पायी गयी है. विटामिन डी न सिर्फ कोरोना से लड़ने के लिए जरुरी है बल्कि अन्य कई बीमारियों के लिए भी जरुरी होता है.
कैंटाबिरिया यूनिवर्सिटी के डॉक्टर जोंस एल हर्नांडेज के अनुसार विटामिन डी की कमी को दूर करके की उन लोगों को बचाया जा सकता है जिनको कोरोना के संक्रमण का खतरा अधिक है. जैसे की बुजुर्ग और बच्चे और अस्पतालों में काम करने वाले आदि. विडामिन डी एक हार्मोन होता है जो गुर्दे से उत्पन्न होता है. विटामिन डी खून में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करता है .
इसके अलावा यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है और फेफड़ो को इन्फेक्शन से बचाता है. विटामिन डी की कमी से मेटाबोलिक सिंड्रोम ब्रेस्ट कैंसर अवसाद और डिमेंशिया जैसी बीमारियाँ होने लगती हैं. विटामिन डी का मुख्य स्रोत धूप को माना जाता है . इसके अलावा सोया अंडे की जर्दी दूध और टूना मछली में भी विटामिन डी पाया जाता है.
विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों में सुबह 10 बजे से दिन के 3 बजेतक धूप सेक सकते हैं. इसके अलावा धूप की तरफ पीठ करके बैठने से शरीर को अधिक मात्रा में विटामिन डी मिलता है. तो है न आसान तरीका धूप से विटामिन डी प्राप्त करने का. रोजाना धूप में बैठने से आप कोरोना के संक्रमण से भी बच सकते हैं ।
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