बहादुरगढ़ । टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन जारी है. आज प्राप्त जानकारी के अनुसार टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल होने आई पश्चिम बंगाल की एक युवती के साथ दुराचार की घटना सामने आई है. इस केस में विभिन्न धाराओं के तहत लोगों पर केस दर्ज किया गया है इनमें 4 किसान नेता और दो आंदोलन से जुड़ी महिलाएं शामिल हैं. गौरतलब है कि इसी युवती की कोरोना संक्रमण के कारण बाद में मौत भी हो गई थी, लेकिन उससे पहले उसके साथ दुराचार की घटना को लेकर कई दिनों से यह मामला गर्म था.
शनिवार टिकरी बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा द्वारा एक मीटिंग आयोजित की गई. मृतक युवती के पिता ने बयान दिए तब बहादुरगढ़ शहर थाना में मामला दर्ज हुआ. इस मामले को लेकर अनेक संगठनों के नेता आरोप लगाते आ रहे थे. ज्ञात हो कि आरोपित किसान सोशल आर्मी से जुड़े हैं जिनकी पहचान अनिल मलिक,अनूप सिंह, अंकुश सांगवान,जगदीश बराड़,कविता आर्य और योगिता सुहाग के रूप में की गई है.
इससे पहले आपको बता दें कि 10 दिन पहले उस युवती की मौत हो चुकी है. मृत्यु का कारण कोरोना संक्रमण बताया जा रहा था. युवती की मृत्यु के बाद किसानों ने शव यात्रा भी निकाली थी. जबकि कोरोना संक्रमित व्यक्ति का एक निश्चित गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया जाता है, लेकिन दूसरी तरफ से ऐसी बातें भी सामने आ रही थी कि उस युवती के साथ कुछ गलत हुआ है लेकिन इन सब बातों को अनदेखा किया गया और यही बताया गया कि युवती की मौत कोरोना से हुई है. हालांकि युवती कोरोना संक्रमित तो थीं ही मगर किसानों ने कहा कि उन्हें बदनाम किया जा रहा है कि उक्त युवती की मौत से पहले उसके साथ दुराचार हुआ था.
अब समस्या यह सामने आ रही है कि युवती का अंतिम संस्कार भी किया जा चुका है तो ऐसे में जांच कैसे आगे बढ़ पाएगी क्योंकि कोरोना से जो लोग मरते हैं तो उनका मेडिकल भी नहीं किया जाता.
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