चंडीगढ़ | हरियाणा में कुल 816 चयनित आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षक यानी अगर सरल शब्दो मे कहा जाए तो बीते 10 वर्षों से अधिक काम कर चुके ड्रॉइंग टीचर्स को अब पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से एक बड़ा झटका मिला है. उच्च न्यायालय की ओर से सिंगल बेंच के उस आदेश पर अब मुहर लगा दी गई है, जिसके अन्तर्गत सिंगल बेंच ने बीते वर्षों में इन ड्राइंग टीचर्स की भर्ती को रद्द करने का आदेश जारी किया था.
इतिहास में एक बार फिर से खुद को दोहराया
ऐसा एक बार पहले भी हरियाणा में हो चुका है. हरियाणा में 1983 फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रेक्टर पी टी ई शिक्षकों की नौकरी पर भी गाज गिरी है और अंत में उन्हे भी उनकी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था और अब एक बार फिर से इतिहास खुद को दोहराता नजर आ रहा है. जहां सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती कों रद करने के मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है. सूत्रों द्वारा हासिल हुई खबर के अनुसार यह मामला हरियाणा में 2010 का पी टी आइ टीचर भर्ती का है किंतु अब इस मामले के साथ ड्राइंग टीचर्स की भर्ती का अहम मुद्दा भी जुड़ चुका है.
सुप्रीम कोर्ट ने ड्राइंग टीचर्स के केस को किया डिस्मिस
सूत्रों द्वारा यह भी बताया गया है कि अभी तक सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के आने के बाद से हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक चल रही थी और ये सभी शिक्षक अपनी अपनी सेवाएं जारी रखे हुए थे किंतु अब सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आने के बाद से अंतरिम रोक आदेश समाप्त हो गया है और इन सभी टीचरों की नौकरी पर गाज गिर गई है और अब अधिक समय तक यह है अपनी सेवाएं नहीं जारी रख सकते हैं.
पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने भर्ती में अनियमितता को आधार बना कर पी टी आइ टीचरों की भर्ती रद कर दिया था और इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए सरकार के विरुद्ध जाकर सभी शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
10 साल से काम कर रहे ड्राइंग टीचर की नौकरी है पूरी तरह से जा चुकी है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांगों पर ध्यान ना दिया और उनके द्वारा की गई अपील व उनके केस को खारिज कर दिया है. ऐसे में आप उनके पास कोई नौकरी नहीं है. ड्राइंग के अध्यापकों के लिए बेहद दुखद समाचार साबित हो सकता है.
2010 का है यह मामला
पी टी आइ टीचरों की भर्ती का यह मामला 2010 से अब तक चला आ रहा है. इस भर्ती में अनियमितताओं और तय प्रक्ति्रया का सही तरीके से पालन न किए जाने का आरोप लगाते हुए इसे अब अंत में सुप्रीम कोर्ट एल में चुनौती दी गई थी. हाइकोर्ट ने इस मामले को काफी वर्षों पहले ही रद घोषित कर दिया था. परंतु अब इसके खिलाफ शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी बीते 10 वर्षों से काम कर रही ड्राइंग टीचर्स की आशाओं पर पानी फेर दिया है. सूत्रों के मुताबिक शुरुआती सुनवाई में हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी गई थी जिसके कारण ये शिक्षक अभी तक नौकरी कर रहे थे. किन्तु अब सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना अंतिम फैसला सुना दिया है. जिसके बाद अब इन सभी ड्राइंग टीचर्स को टर्मिनेट कर दिया जाएगा.
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