नई दिल्ली | कोरोना संक्रमण के चलते सीबीएसई के द्वारा दसवीं व बाहरवीं के अंक पत्र को ऑनलाइन कर दिया गया था. अतः अब सीबीएसई ने कहा है कि अगर किसी भी छात्र के अंक पत्र के विवरण में कोई भी त्रुटि हो तो वह इसे सुधारने के लिए आवेदन कर सकते हैं. चूंकि इस बार उन्हें इसमें सुधार करवाने हेतु एक साल का समय दिया है. कोविड 19 के चलते हो सकता है कि उन्हें किसी परेशानी का सामना करना पड़ जाए. अतः इसलिए सीबीएसई ने राहत देते हुए छात्रों को एक साल का समय दिया है.
यदि किसी भी छात्र के अंक पत्र में नाम, डीओबी, अभिभावक के नाम, स्कूल के नाम इत्यादि सम्बन्धी कोई भी गलती या स्पेलिंग मिस्टेक हो तो इसके लिए छात्र आवेदन कर सकते हैं. सीबीएसई द्वारा ये आदेश सभी स्कूलों को भेज दिये गए हैं. उक्त त्रुटियों में जन्मतिथि व नाम सम्बन्धी गलतियों को पहले ठीक किया जाएगा. बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार छात्र अंक पत्र की इन छोटी छोटी गलतियों को अनदेखा कर देते हैं. अतः वे इस विषय पर गंभीर दिखाई नहीं देते. परन्तु जब बाद में आगे चलकर उन्हें जरूरत पड़ती है तो वे इन त्रुटियों में सुधार के लिए बोर्ड के चक्कर काटते फिरते हैं.
चूंकि दसवीं का अंक पत्र आगे की सभी कक्षाओं या कोर्सेज में नामांकन लेने हेतु जन्मतिथि का सबसे मान्य प्रमाणपत्र होता है. इसलिए, ऐेसे में मैट्रिक अंक पत्र के सारे विवरण उपयुक्त होने चाहिएं जिससे उन्हें आगे चलकर परेशान न होना पड़े. इस बार रिजल्ट के साथ ही बोर्ड ने मार्कशीट अपलोड कर दी थी तो छात्रों को अभी अपनी सभी त्रुटियों को ठीक करवाने हेतु आवेदन कर देने चाहिए. जिससे उनके इस काम मे लेटलतीफी न हो. क्योंकि अब उन्हें एक साल बाद इन गलतियों को सुधारने का मौका शायद न मिले.
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