नई दिल्ली | केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी CBSE की कक्षा 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा की फीस माफ करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फ़ैसला दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में CBSE 10वीं व 12वीं के लिए बोर्ड परीक्षा की फीस माफ करने के लिए छात्रों द्वारा शुल्क माफ़ किए जाने के लिए अपील की गई थी.
क्यों पैरेंट्स ने दायर की यचिका?
कोविड- 19 यानी महामारी के समय में पैरेंट्स द्वारा आर्थिक समस्याओं का सामना करने की बात सामने रखी गई थी, यही मुख्य कारण है जिसके आधार पर फीस माफ करने के लिए पैरेंट्स द्वारा, कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. एक एन जी ओ ने इस याचिका को लगाने ने मुख्य भूमिका निभाई थी. मंगलवार के दिन 17 नवंबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अशोक भूषण जी, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी जी और जस्टिस एम आर शाह जी के समक्ष दायर हुई इस याचिका को पेश किया गया था.
जानें क्या कहा, कोर्ट ने..?
इस याचिका में दर्शाया गया था कि कोर्ट सी बी एस ई और दिल्ली सरकार यानी की Delhi Government को फीस माफ करने के लिए जल्द से जल्द निर्देश जारी कर दिए जाएं. इस मामले पर कोर्ट ने कहा है कि ‘कोर्ट द्वारा सरकार को ऐस प्रकार से कुछ भी करने का निर्देश कैसे जारी किया सकता है? आप सभी को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ,सरकार को अपील भेजनी चाहिए.’ यह कहते हुए, कोर्ट के द्वारा याचिका को ख़ारिज कर दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दी दिल्ली हाईकोर्ट को चुनौती
एन जी ओ ने 28 अक्टूबर 2020 को दिल्ली हाईकोर्ट Delhi High Court द्वारा दिए जारी किए गए निर्देशों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील जाहिर की थी. उस समय में, हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी सरकार अर्थात AAP और सी बी एस ई को अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि वह एन जी ओ की याचिका को रिप्रजेंटेशन के तौर पर लेते हुए इस मामले पर अपना फैसला सुनाए. कोर्ट ने इस मामले में कानून, नियम, सरकारी नीतियों और कैस के मुख्य तथ्यों को मुख्य रूप से ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने का विचार किया है.
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