पंचकूला । हरियाणा में नौवीं कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों को इसी शिक्षा सत्र से मुफ्त शिक्षा मिलेगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा बजट में की गई इस घोषणा को पूरा करने तथा प्रदेश में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर की अध्यक्षता में शुक्रवार को शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों की मैराथन बैठक हुई.
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में नौवीं तथा दसवीं कक्षा में 1,82,419 लड़के तथा 1,92,018 लड़कियां शिक्षा ग्रहण करती है. एक विधार्थी को मुफ्त पढ़ाने पर सरकार को करीब 5315 रुपए खर्च आएगा. तीन लाख,74 हजार ,437 बच्चों पर सालाना करीब 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
इसी तरह ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में लड़कों की संख्या 1,16,359 लड़के तथा 1,28,492 लड़कियां हैं. एक विधार्थी को पढ़ाने में सरकार का करीब 6150 रुपए खर्च आएगा. 2,44,821 बच्चों पर सालाना 150.56 करोड़ रुपए खर्च होंगे. हरियाणा में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए गठित 10 कमेटियों ने भी अपनी सिफारिशें दे दी है.
हरियाणा सरकार साल 2025 तक नई शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारी में है. इस नीति के तहत ड्राप आउट बच्चों की शिक्षा को कम किया जाएगा. दसवीं कक्षा में आने के बाद ड्राप आउट रेट अधिक हो जाता है, इसलिए इसे कम करने के लिए निशुल्क शिक्षा का प्रावधान किया गया है. शिक्षा से वंचित और कम शिक्षा वाले 10 खंडों की पहले चरण में पहचान की जाएगी. वहां ऐसे प्रोडक्ट चलाएं जाएंगे जो दाखिला बढ़ोतरी में प्रोत्साहन करें. उन्हें विशेष शिक्षा जोन के दायरे में लिया जाएगा.
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