चंडीगढ़ । भले ही हरियाणा सरकार के स्कूलों को खोलने के आदेश सभी गवर्नमेंट और प्राइवेट स्कूलों के लिए खुशी की बात हो लेकिन विद्यार्थियों के अभिभावकों को शर्तों के अनुसार स्कूलों में आने का फरमान पसंद नहीं आ रहा है. विद्यार्थी स्कूल जाने की अपेक्षा अपनी कोरोना की जांच के लिए गवर्नमेंट हॉस्पिटल के चक्कर लगा रहे हैं और घंटों तक लाइनों में खड़े होने की समस्या का सामना कर रहे हैं. विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके पेरेंट्स को भी टेस्ट रिपोर्ट को लाने के लिए हॉस्पिटल में लाइनों में खड़ा होना पड़ रहा है.
अभिभावकों में है जबरदस्त रोष
इसे लेकर विद्यार्थियों में और मुख्यतः अभिभावकों में जबरदस्त रोष बना हुआ है. सभी अभिभावकों का कहना है कि विद्यार्थियों को शिक्षकों की तरह ही थर्मल स्क्रीनिंग के पश्चात क्लासों में बैठने देना चाहिए. आपको बता दें कि हरियाणा सरकार ने 14 दिसंबर से सभी गोरमेंट और प्राइवेट स्कूलों को खोलने के आदेश दिए थे. लेकिन साथ ही यह शर्त रखी थी कि सभी विद्यार्थियों को अपनी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट को साथ लेकर आना होगा. इस प्रकार सरकार ने विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी समस्या पैदा कर दी है. जब विद्यार्थी स्कूल जाते हैं तो उनसे कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मांगी जाती है. रिपोर्ट के ना होने प रउन्हें वापस घर भेज दिया जाता है.
सैंपल देना भी बहुत कठिन
उसके बाद बच्चे कोरोना जांच के लिए हॉस्पिटल जाते हैं. कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल देना भी बहुत मुश्किल हो रहा है. क्योंकि एक सैंपल देने में लगभग एक डेढ़ घंटा लग जाता है. उसके बाद सैंपल लेकर विद्यार्थी को घर भेज दिया जाता है. जब तक उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, उन्हें स्कूल में जाना मना है. इस स्थिति में विद्यार्थियों की पढ़ाई का भी बहुत अधिक नुकसान हो रहा है. यह समस्या अभिभावकों के लिए भी टेढ़ी खीर हो गई है, क्योंकि विद्यार्थियों के साथ उनके अभिभावकों को भी उनके साथ जाना पड़ता है.
जिला प्रशासन स्वयं कराए कोरोना जांच
हॉस्पिटल में पहुंचे अभिभावकों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने इस शर्त को लाकर उनके लिए एक समस्या पैदा कर दी है. हमें भी अपने बच्चों के साथ हॉस्पिटल आना पड़ रहा है. अभिभावकों ने कहा कि जिला प्रशासन स्वयं आकर बच्चों का कोरोना टेस्ट करवाएं, वही रिपोर्ट भेजें, जिस विद्यार्थी की रिपोर्ट पॉजिटिव है उसे होम आइसोलेट करवाया जाए, अन्य बच्चों की पढ़ाई को जारी रखा जाए.
अभिभावक DC से करेंगे मुलाकात
अभिभावकों ने कहा कि इस मामले को लेकर वे शीघ्र ही उपायुक्त से भेंट करेंगे और स्कूलों में ही टेस्ट के सैंपल लेने की मांग करेंगे. अभिभावकों ने तो यह तक कहा कि विद्यार्थियों को भी शिक्षकों की तरह ही केवल थर्मल स्क्रीनिंग के पश्चात ही क्लासों में बैठने की अनुमति दी जाए. जिस व्यक्ति का तापमान ज्यादा हो उसकी करोना जांच करवाई जाए और जिस का तापमान नॉर्मल हो उसे कक्षा में बैठने दिया जाए. ऐसा करने से विद्यार्थियों पर रिपोर्ट को लाने का बोझ नहीं होगा. वह बिना किसी प्रेशर के स्कूलों में आ सकेंगे और अपनी पढ़ाई कर सकेंगे.
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