चंडीगढ़ । इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी यानि की इग्नू घर बैठकर बीटेक करने वाले छात्रों की डिग्रियों पर सरकार द्वारा जारी किए गए एक पत्र ने संकट के बादल खड़े कर दिए हैं, ऐसा केवल इसलिए हुआ क्योंकि सरकार द्वारा जारी किए गए इस पत्र को आधार मानते हुए वर्ष 2009 और 2010 के पश्चात् इग्नू से ऑनलाइन या डिस्टेंस मोड पर बीटेक की डिग्री या डिप्लोमा कोर्स को वैध नहीं माना जाएगा.
इसे विषय को लेकर सरकार ने सभी विभाग अध्यक्षों, सचिवों, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार और प्रदेश के सभी उपायुक्तों को इससे संबंधित सभी निर्देश भी जारी कर दिए हैं. जारी किए गए निर्देशों की एक कापी सभी युनिविर्सिटी के कुलपति, हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पास भी भेज दी गई है.
इगनू से ऑनलाइन और डिस्टेंस मोड पर बीटेक की डिग्री अवैध
इग्नू द्वारा विद्यार्थियों को ऑनलाइन और डिस्टेंस मोड पर बीटेक डिग्री या डिप्लोमा देने के फैसले को लेकर केस कोर्ट में चल रहा था. अब कोर्ट के निर्णय के पश्चात् सरकार द्वारा पत्र जारी करके कहा गया है कि वर्ष 2009 व 2010 तक जिन विद्यार्थियों ने इग्नू से ऑनलाइन या डिस्टेंस के माध्यम पर बीटेक की डिग्री हासिल की है, केवल उसे वैध माना जाएगा और वह डिग्री प्रमोशन व नियुक्ति के संबंध में वैध मानी जाएगी, किन्तु इसके पश्चात् जिन विद्या्थियों ने इग्नू से इस प्रकर बीटेक की डिग्री हासिल की है उसे वैध नहीं माना जाएगा.
तकनीकी प्रोग्राम और प्रयोगशाला कोर्स पर लगाई रोक
2010 के बाद की गई डिग्री को अवैध माना जाएगा. इसके अतिरिक्त सरकार ने इगनू को यह भी कहा है कि जिन ट्रेड में विद्यार्थियो को तकनीकी प्रोग्राम और प्रयोगशाला की जरूरत होती है, उन्हें डिस्टेंस मोड पर न चलाया जाए. अगर ऐसे कोई भी कोर्स चल रहे हैं तो उन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाने की मांग जाहिर की है ।
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