चंडीगढ़ | हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुज्जर करुणा काल में पढ़ रहे नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों को केवल सपना दिखाया कि बच्चो को ऑनलाइन पढाई के लिए मुफ्त टैब दिए जायेंगे. इस सपने के साथ ऑनलाइन शिक्षा का भी मजबूत करने का दावा किया था. सरकार ने अपने सपने को सही करने के लिए शिक्षा विभाग व वित्त विभाग के साथ मुख्य सचिवों को भी तैयारी की जिम्मेदारी सौंपी थी. चौंकाने वाली बात यह है कि सरकार की यह योजना भी समाप्त हो गई. अनलॉक 4 के साथ ही इस योजना को आगे ले जाया गया और न ही किसी ने भी दोबारा इस योजना पर बात की.
अब सरकार और शिक्षा विभाग ध्यान केवल स्कूल खोलने तैयारी में था. नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों को स्कूल में बुलाकर शिक्षा दी जाए. सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा को मजबूत करने के लिए बच्चों को टैब देने का सोचा था जैसे ही केंद्र सरकार ने अनलॉक-4 को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए. साथ ही, योजना खड्डे में गिर गई. सरकार ने बच्चों को टैब देने की जगह पर स्कूल खोलने के लिए तैयारी में जुट गए.
यह वजह है कि अभिभावक को सहमति मिलने पर सरकार ने करनाल के निगंधू और सोनीपत के वजीदपुर के दो स्कूलों शुरुआत के रूप में खोलने का निर्णय लिया. 10वीं और 12वीं के बच्चों को पढ़ाई के लिए बोला जा रहा है यदि शुरुआत सफल हो जाती है तो सरकार नौवीं से बारहवीं तक बच्चों को स्कूल खोल देगी. अब बच्चों को टैब मिलेंगे या नहीं यह फैसला अब सरकार पर है.
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