किसी भी राज्य में अब स्कूल नहीं ले पाएंगे मन चाही फीस, शिक्षा विभाग एक्शन में

• स्कूलों की गुणवत्ता को कायम रखने के होगा एस एस एस ए का गठन.

• स्कूल की बेफिजूल मांगों पर भी जल्द ही लगेगा अंकुश.

करनाल | स्कूल की शिक्षा की गुणवत्ता को और अच्छा बनाने के लिए सरकार निरंतर अभ्यास करती रहती है, सरकार की कोशिशें अभी भी लगातार जारी है. किन्तु शिक्षा के तेजी से होते व्यवसायीकरण की आंधी में वह कभी टिक नहीं पाई, लेकिन अब ऐसा नहीं देखने को मिलेगा. स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए अब सभी राज्यों में एक स्वतंत्र प्राधिकरण का गठन किया जाएगा.

School Students

राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण यानि एस एस एस ए

अभी के लिए इसे राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण यानि एस एस ए का नाम दिया जा चुका है. यह स्कूलों की गुणवत्ता को उच्च स्तर पर पहुंचाने का प्रयास करेंगे. साथ ही साथ यह कमेटी फीस बढ़ोतरी, किताबों के चयन आदि से जुड़ी मनमानी पर भी फैसला लेकर, रोक लगा सकते हैं.

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स्कूली शिक्षा ने गुणवत्ता की अहम भूमिका

स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में पिछले कई वर्षो में गली या मोहल्ले में दो दो कमरों में चलने वाले निजी स्कूलों की जिस तरह से तेज़ी आई है, उसके पश्चात स्कूलों की गुणवत्ता को लेकर सब कुछ शुरू हुआ था. इसे रोकने के लिए कोई अहम क़दम उठाया जाता किन्तु उससे पहले ही आज के समय में आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इस मामले को स्टडी किया और गंभीरता से क़दम उठाया गया है. स्कूल की शिक्षा में गुणवत्ता की बरकरार रखने के लिए राज्य स्तर पर अहम व मुख्य उपायों की आवश्कता बताई जा रही है.

शिक्षा मंत्रालय ने किया विचार विमर्श

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शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों के साथ जुड़कर इस विषय पर विचार विमर्श शुरू कर दिया है. इसके अलावा अब स्कूलों को प्राधिकरण की तरफ़ निर्धारित किए गए मानकों का स्वीकार करना आवशयक होगा. साथ ही इन मानकों को तय एस एस एस ए की कमेटी द्वारा किया जाएगा. दुनिया भर में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखने के लिए अपनाए जाने वाली इस लाज़वाब पहल के आधार पर किया जाएगा.

जिसका केंद्र अभ्यास होगा स्कूलों में बचाव, सुरक्षा, आधारभूत ढांचा, कक्षाओं और विषयों के आधार पर शिक्षकों की संख्या, वित्तीय ईमानदारी और शासन की उपयुक्त प्रक्रिया आदि के आधार पर किया जाएगा. हालांकि प्राधिकरण की तरफ़ से निर्धारित किए जाने वाले रूल्स का पालन सभी स्कूलों के लिए कंपल्सरी किया गया है. दरअसल इन मानकों को आख़िरी चरण में पहुंचाने से पहले स्कूलों के शिक्षकों और अभिभावकों की सलाह पर भी गौर किया जाएगा.

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केन्द्र सरकार द्वारा उठाए गए अहम कदम

• स्कूलों की गुणवत्ता को मजबूती प्रदान करने के लिए इस योजना के अन्तर्गत सभी स्कूलों को हर वर्ष राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण यानि एस एस एस ए की तरफ़ से निर्धारित किए गए मानकों के अनुसार एक स्व-घोषणा करनी होगी.

• तय किए गए निर्देशों पर खरे न उतरने पर, इसकी रिपोर्ट राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग को देनी पड़ सकती हैं.

• बीते वर्षो में सरकार ने सरकारी और निजी स्कूलों में शिक्षण प्रदान कर रहें लगभग 15 लाख शिक्षकों को आनलाइन माध्यम से प्रशिक्षित किया था.

• आज के समय में भी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए सरकार द्वारा निष्ठा कार्यक्रम को शुरु कर रखा है |

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