नई दिल्ली | CBSE Board में पढ़ने वाले पढ़ाई में कमजोर छात्रों के लिए शिक्षा निदेशालय ने एक अच्छी पहल की है. अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के तहत परीक्षा देने वाले कमजोर विद्यार्थियों को अध्यापक गोद लेंगे. इस मामले में शिक्षा निदेशालय ने विद्यालय प्रमुखों को निर्देश दिए हैं. इससे CBSE बोर्ड की परीक्षाओं में बैठने वाले सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों का बेहतर परीक्षा परिणाम आने की बात भी कही जा रही है.
पिछले शैक्षणिक सत्र में प्रमोट किए गए छात्रों को कराएंगे तैयारी
शिक्षा निदेशालय ने कोरोना संक्रमण के कारण पिछले साल के शैक्षणिक सत्र में कक्षा तीसरी से 9वी और 11वीं के विद्यार्थियों को एक विशेष फार्मूले के अनुसार बिना परीक्षा लिए प्रमोट कर दिया था. इसलिए 9वी और 11वीं कक्षा के उन छात्रों को जो ग्रेस अंकों के आधार पर प्रमोट किए गए हैं, उन्हें शिक्षक निदेशालय के अनुसार कमजोर छात्रों के वर्ग में रखा गया है. निदेशालय ने कहा है कि ऐसे छात्रों की ओर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है.
3-4 विद्यार्थियों की जिम्मेदारी 1 शिक्षक पर
शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि ऐसे तीन से चार विद्यार्थियों की जिम्मेदारी एक शिक्षक उठाएगा. इस मामले में निदेशालय ने विद्यालय प्रमुखों को निर्देश देते हुए कहा है कि वह शिक्षकों को आदेश दें कि एक शिक्षक ऐसे तीन से चार विद्यार्थियों को प्राथमिक सहायता उपलब्ध कराए. जहां आवश्यकता हो वहां विषय आधारित मदद भी उपलब्ध कराते हुए विद्यार्थियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करें. इसके लिए एक शिक्षक द्वारा 3-4 विद्यार्थियों को गोद लेने को कहा गया है. इससे यात्रियों को भावनात्मक और सामाजिक सहायता भी उपलब्ध होगी. साथ ही साथ निदेशालय ने कहा है कि प्रत्येक शिक्षक ऐसे विद्यार्थियों की समस्याओं का रिकॉर्ड भी बनाकर रखें.
गोद लिए जा चुके हैं 73 स्कूल
CBSE बोर्ड की परीक्षाओं का परिणाम बेहतरीन लाने के लिए शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने 73 सरकारी स्कूलों को गोद ले लिया है. इन विद्यालयों में ये अधिकारी मेंटर के रूप में अपनी भूमिका निभाएंगे. गोद लिए गए स्कूलों में सारे स्कूल ऐसे हैं जहां पिछले वर्ष के शैक्षणिक सत्र में दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम अधिक बेहतर नहीं था.
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