नई दिल्ली । नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में बड़े स्तर पर बदलाव की तैयारी कर रहा है. नई गाइडलाइंस का मसौदा तैयार हो चुका है जिसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. सरकार अपने संबद्ध कॉलेजों को 2035 तक डिग्री देने वाले बहु- विषयक स्वायत संस्थान बनने की अनुमति देने की योजना बना रही है. प्रस्तावित गाइडलाइंस के तहत यूजीसी की ओर से ड्यूल डिग्री प्रोग्राम, क्रेडिट स्कोर सिस्टम और मल्टी-डिसिप्लिनरी एजुकेशन सिस्टम (बहु-विषयक शिक्षा प्रणाली) को लागू किया जाएगा.
नई गाइडलाइंस लागू होने के बाद देश में उच्च शिक्षा के ढांचे में पूरी तरह से बदलाव देखने को मिलेगा. एक इंग्लिश न्यूज पेपर टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार स्टूडेंट्स एक साथ दो संस्थानों से डिग्री हासिल कर सकेंगे. इसमें 40% क्रेडिट उनके विश्वविद्यालय या कालेज के बाहर से हों सकता है. कॉलेजों को क्लस्टर बनाने और बहु- विषयक डिग्री प्रदान करने को लेकर बड़ा विश्वविद्यालय बनाने की अनुमति भी दी जाएगी.
यूजीसी ने ‘उच्च शैक्षणिक संस्थानों को बहुविषयक संस्थानों में बदलने के लिए दिशानिर्देश’ का नया मसौदा जारी किया है. आयोग ने अगले 20 मार्च तक विभिन्न हितधारकों से गाइडलाइंस को अंतिम रूप देने के लिए सुझाव मांगे हैं. इस मसौदे को अप्रैल-मई 2022 तक मंजूरी मिलने की संभावना जताई जा रही है.
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यूजीसी के दिशानिर्देशों के मसौदे में तीन प्रकार के बहु-विषयक संस्थानों का उल्लेख किया गया है – गहन रिसर्च वाले विश्वविद्यालय, शिक्षण पर आधारित विश्वविद्यालय और डिग्री देने वाले स्वायत्त कॉलेज. बहु-विषयक शिक्षण पर आधारित विश्वविद्यालय और गहन रिसर्च वाले विश्वविद्यालयों में 3000 या उससे अधिक स्टूडेंट्स होंगे. साल 2030 तक हर जिले में या उसके पास कम से कम एक बड़ा बहु-विषयक उच्च शिक्षण संस्थान बनाने की दिशा में काम किया जाएगा.
मसौदे में कहा गया है कि चार साल के ड्यूल डिग्री बैचलर कोर्स को ऑफर करने का प्रस्ताव संबंधित नियामक संस्था के समक्ष उच्च शैक्षणिक संस्थान द्वारा रखा जाएगा. जांच- पड़ताल के बाद नियामक संस्था इंटीग्रेटिड ड्यूल कोर्स के लिए संस्थान को मान्यता प्रदान करेंगे.
कॉलेबेरोटिव सिस्टम के अनुसार उच्च शिक्षण संस्थान का स्टूडेंट पहली डिग्री मेजबान संस्थान में और दूसरी डिग्री पार्टनरिंग संस्थान में ले सकते हैं, जिससे उसको एक साथ दोहरी डिग्री हासिल हो सकेगी.
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