नई दिल्ली । यदि आप सपना चौधरी के फैन है, तो आज की यह खबर आपके लिए काफी अहम होने वाली है. सपना चौधरी के साथ ऐसा क्या हुआ कि उन्हें कोर्ट में आत्मसमर्पण करना पड़ा. बता दें कि यह मामला डांस कार्यक्रम रद्द करने व टिकट का पैसा वापस ना करने से संबंधित है.
सपना चौधरी ने अदालत में किया सरेंडर
वहीं इस मामले में अंतरिम जमानत पर रिहा करने की गुहार भी लगाई गई. इस पर एसीजेएम शांतनु त्यागी ने फैसला देते हुए सपना चौधरी को 25 मई तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. मंगलवार करीब दोपहर 12:00 बजे सपना चौधरी अदालत पहुंची. यहां उन्होंने आत्मसमर्पण के साथ अपनी जमानत की अर्जी भी पेश की. अदालत ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया. फिर बाद में उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई की गई.
अदालत में काफी समय तक दोनों पक्षों के बीच बहस हुई. उसके बाद सशर्त अंतरिम जमानत पर मंजूरी दे दी गई. फिर जाकर कहीं 5:00 बजे सपना चौधरी रिहा हुई. बता दें कि 17 नवंबर 2021 को इस मामले में सपना चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ था, इससे पहले भी सपना चौधरी की डिस्चार्ज की अर्जी खारिज हो चुकी है. 23 नवंबर 2021 को सपना चौधरी ने गिरफ्तारी वारंट निरस्त करने की मांग भी की थी, परंतु अदालत ने इस मांग को भी खारिज कर दिया था.
1 मई 2019 को इस मामले में सपना चौधरी के खिलाफ किसी व्यक्ति के विश्वास का हनन व धोखाधड़ी करने के मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया था, जबकि 20 जनवरी 2019 को इस कार्यक्रम के आयोजक जुनैद अहमद, ईवाद अली,अमित पांडे, रत्नाकर उपाध्याय के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 406 व 420 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था. 13 अक्टूबर 2018 को स्मृति उपवन में दोपहर 3:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक सपना चौधरी व अन्य कलाकारों को कार्यक्रम में आना था.
जिसके लिए प्रति व्यक्ति 300 रूपये में ऑनलाइन व ऑफलाइन टिकट भी बेचा गया था. इस दौरान हजारों दर्शक वहां मौजूद थे, लेकिन रात के 10:00 बजे तक भी सपना चौधरी वहाँ नहीं पहुंची, जिस वजह से फैन्स ने हंगामा कर दिया. इसके बाद टिकट धारको का पैसा भी वापस नहीं किया गया. 14 अक्टूबर 2018 को इस मामले की नामजद एफआईआर एसआई फिरोज खान ने थाना आशियाना में दर्ज करवाई थी.
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