फरीदाबाद | हिंदुस्तान की आबो- हवा दिन- प्रतिदिन जहरीली होती जा रही है. लगातार बढ़ रहे उद्योग- धंधे, सड़कों पर दौड़ते वाहन और अन्य कई कारक वातावरण को प्रदुषित कर रहे हैं. कई बार तो प्रदुषण से हालात इस कदर खराब हो जाते हैं कि खुली हवा में सांस लेना दूभर हो जाता है. इस संबंध में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें हरियाणा को लेकर चौंकाने और डरावने आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं.
हरियाणा के 15 शहर प्रदुषित
भारत के राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक की रिपोर्ट के अनुसार, देश के सबसे प्रदुषित 100 शहरों में हरियाणा के 24 में से 15 शहर शामिल हैं. इस रिपोर्ट का पैमाना PM 2.5 और PM 10 के वार्षिक स्तर की सुरक्षित सीमा क्रमशः 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है.
ये सीमाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 2021 के दिशानिर्देशों से बहुत अधिक हैं, जो PM 2.5 के लिए पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और PM 10 के लिए 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सिफारिश करते हैं.
हरियाणा का सबसे प्रदुषित शहर
जनवरी से जून तक के एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) से पता चला कि हरियाणा के प्रत्येक शहर में NAAQS और WHO पीएम 10 का स्तर मानकों से अधिक है. प्रदुषित शहरों की सूची में फरीदाबाद को सबसे ऊपर जगह दी गई है, जहां औसत PM 2.5 स्तर 103 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो NAAQS और WHO के दिशानिर्देशों से कहीं अधिक है.
हरियाणा के कई शहरों में एयर क्वालिटी खराब है, लेकिन केवल फरीदाबाद ही वर्तमान में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का हिस्सा है, जबकि अन्य शहरों में इस समस्या से निपटने के लिए कार्ययोजना का अभाव है. ऐसे में देश के 100 शहरों में हरियाणा के 15 शहरों के नाम आना कहीं- न- कहीं सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है.
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