फरीदाबाद | हरियाणा सरकार की बेहतर नीतियों की बदौलत आज सूबे के बहुत से किसान परम्परागत खेती को अलविदा कहकर बागवानी और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. इसी कड़ी में फरीदाबाद जिले के गांव चांदपुर के सूरजपाल भूरा ने भी सब्जियों की खेती में किस्मत आजमाई और नतीजा यह हुआ कि न केवल उनकी आमदनी में इजाफा हुआ बल्कि उनकी गिनती प्रगतिशील किसानों में होने लगी.
केमिकल रहित खेती
किसान सूरज पाल बताते हैं कि वह एक समय में 3 से 4 सब्जियों की खेती करते हैं, जिनमें मटर, आलू, मेथी और पालक है. इसके साथ ही, उन्होंने गेहूं व सरसों की फसल भी लगाई है. इन सब्जियों और फसलों में किसी भी तरह का रासायनिक खाद व स्प्रे का छिड़काव नहीं किया जाता है.
उन्होंने बताया कि गाय के गोबर से तैयार खाद से अपने खेत में सब्जियों के बीज व पौध भी तैयार की हैं. जैविक खेती को बढ़ावा देना उनकी प्रमुख प्राथमिकता है. फसलों में किसी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. ऐसे में उनके द्वारा उगाई गई सब्जियों की मांग आसपास के क्षेत्र में अच्छी- खासी रहती है.
आर्गेनिक खेती करने की अपील
किसान सूरज पाल ने ग्रामीण क्षेत्र के किसानों व युवाओं से अपील करते हुए कहा कि जो लोग शहर में चंद रूपयों की नौकरी के लिए प्रदुषित वातावरण में सांस ले रहे हैं, उन्हें अपने गांव वापस आकर बागवानी और ऑर्गेनिक खेती में हाथ आजमाना चाहिए. इसमें कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. उन्होंने खुद भी प्राइवेट नौकरी को ठोकर मारकर खेती- बाड़ी से जुड़ने का फैसला लिया था और आज उन्हें अपने फैसले पर गर्व महसूस हो रहा है.
सब्जियों की पैदावार से दोहरी कमाई
उन्होंने बताया कि सरकार की किसान पाठशाला से बागवानी और ऑर्गेनिक खेती करने की तकनीक और नए तरीकों को बखूबी समझा. इसके बाद, गाय के गोबर से घर पर जैविक खाद तैयार की. खाद से एक सीजन में वह 4 सब्जियों की पैदावार कर दोहरी कमाई कर रहे हैं. इसके साथ ही, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए अपने खेत में सोलर सिस्टम के अलावा इरिगेशन व मल्चिंग भी लगाया है.
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