फरीदाबाद । अगर इंसान कुछ करने कि ठान ले तो कुछ भी असंभव नही है. ऐसा ही कुछ करके दिखाया फरीदाबाद के राजस्व विभाग से सेवानिवृत हुए नारायण सिंह ने. नारायण सिंह सेवानिवृत होकर अपने गाँव मंझावली लौटे तो वहाँ अपने परिवारिक कार्य खेती में लग गए . नारायण सिंह के छोटे भाई मुकेश यादव पहले ही खेती में नए प्रयोग करके खुद को प्रगतिशील किसानों कि सूचि में शामिल हैं .
नारायण सिंह ने भी गेहूं ओर धान कि खेती के बजाय फलों ओर सब्जियों कि नयी खेती पर ध्यान दिया. 2 साल कि कड़ी मेहनत के बाद नारायण सिंह अब एक एकड़ जमीन में केवल केले कि पैदावार करते हैं ओर एक एकड़ में पपीते के पैदावार करते हैं . केले कि खेती से उन्हें 4 लाख रूपये ओर पपीते कि खेती से 3 लाख रूपये साल कि कमाई होती है . कुल मिलकर नारायण सिंह एक साल में 7 लाख रूपये कमा लेते हैं .
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मिलने गए प्रगतिशील किसान नारायण सिंह ने बताया कि शहरों के आस – पास के इलाकों में अब खेती ख़तम सी होती जा रही है. नई पीड़ी के किसान शहरों की चकाचौंध देख उसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं और सरकारी नौकरी या फिर निजी कंपनियों में नौकरी करना चाहते हैं.
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को एम एस पी पर शोर मचाने से अच्छा है कि नयी पीढ़ियों को खेती के लिए आकर्षित करने के लिए आधुनिक खेती अपनानी चाहिए. खासकर पंजाब और हरियाणा के किसानों को इसकी पहल करनी चाहिए. नारायण सिंह ने तो मेहनत करके अपना नाम प्रगतिशील किसानों में शामिल कर लिया.
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