फरीदाबाद, हरियाणा | यदि मनुष्य सच्ची लगन से किसी काम को करने की ठान लें तो फिर बड़े से बड़ी परेशानी अपने आप सुलझ जाती है. ऐसा ही कारनामा जिले की बेटी कीर्ति ने करके दिखाया है. कीर्ति ने गुजरात न्यायिक सेवा की परीक्षा में देश में प्रथम स्थान हासिल किया है. कीर्ति लगातार परिश्रम कर रही थी लेकिन गुजराती भाषा का ज्ञान न होने की वजह से लक्ष्य से चुक रहीं थीं. पर जिसके अंदर कुछ कर गुजरने की तमन्ना हों,उसे भला कौन कितने समय तक रोक सकता है.
न्यायाधीश बनने की जिद के चलते कीर्ति ने गुजराती भाषा बोलना व लिखना सीखा और अब न्यायिक सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण करके ही दम लिया. कीर्ति पूर्व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुप कुमार और नेहरू कॉलेज की पूर्व प्राचार्या संतोष कुमारी की बेटी हैं. नतीजा कुछ दिन पहले आया था लेकिन जानकारी परिवार ने अब सांझा की है.
पिता ने बताया कि बेटी कीर्ति पिछले तीन साल से परीक्षा दें रहीं थीं. परीक्षा में बाकी सब्जेक्ट तो बिटिया क्लीयर कर रही थी लेकिन गुजराती भाषा का ज्ञान नहीं होने के चलते 50 नंबर का गुजराती भाषा के विषय में उत्तीर्ण नहीं हो पा रही थी. इसके बाद कीर्ति ने आठ महीने अहमदाबाद में रहकर गुजराती भाषा का ज्ञान सीखा.
सफलता का श्रेय माता-पिता को
कीर्ति इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर बहुराष्ट्रीय कंपनी में अच्छी पोस्ट पर कार्यरत थीं. रिश्तेदार के कहने पर उन्होंने दिल्ली युनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई शुरू की. वकालत पूरी करने के बाद दो वर्षों से न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारियों में जुटी हुई थी.
मई 2019 में परीक्षा में बैठने का आवेदन किया. इसके बाद नवम्बर में प्री और जनवरी 2020 में मेंस हुईं थीं. जुलाई में मेंस का परिणाम घोषित हुआ था. कोविड-19 की वजह से इस वर्ष एक अप्रैल 2021 को इंटरव्यू हुआ था और हाल ही में रिजल्ट घोषित हुआ है. कीर्ति ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया.
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