फरीदाबाद । हरियाणा के फरीदाबाद जिले में हुआ निकिता हत्याकांड काफी लंबे समय तक सुर्खियों में बना रहा. अब इस बहुचर्चित हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी जो मंगलवार को पूरी हो गई है. बुधवार को यानी 24 मार्च को इस मामले में कोर्ट फैसला सुना सकती है. अब अदालत यह तय करेगी कि निकिता तोमर हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए अजरुद्दीन, रेहान और तौसीफ दोषी है या नहीं. इस हत्याकांड की सुनवाई में पीड़ित पक्ष ने कुल 55 लोगों की गवाही दर्ज करवाई थी. लेकिन बचाव पक्ष की तरफ से केवल दो गवाह ही थे. वकील एदल सिंह रावत पीड़ित पक्ष के वकील हैं और वकील अनीस खान बचाव पक्ष के वकील है.
जानिए पूरा मामला
निकिता तोमर हरियाणा के बल्लभगढ़ में अपने परिवार के साथ रह रही थी. वह उत्तर प्रदेश के हापुड़ की रहने वाली थी. निकिता बीकॉम फाइनल ईयर की विद्यार्थी थी. 26 अक्टूबर 2020 को शाम के समय लगभग 3:45 बजे वह अपने कॉलेज से परीक्षा देकर बाहर निकली तो सोहना के रहने वाले तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर निकिता तोमर का अपहरण करने का प्रयास किया.
जब निकिता द्वारा इसका विरोध किया गया तो तौसीफ ने उसे मौके पर ही गोली मार दी. हॉस्पिटल में उपचार के दौरान निकिता तोमर की मृत्यु हो गई. दिनदहाड़े हुई यह वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. जिस के बेस पर पुलिस ने आरोपियों की पहचान की और तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में जो तीसरा आरोपी है अजरुद्दीन, उसने तौसीफ को हथियार उपलब्ध करवाए थे.
पहले भी किया था अपहरण
रोजका मेव का रहने वाला तौसीफ निकिता के साथ 12वीं क्लास में पढ़ा था. उस समय उसने निकिता पर दोस्ती करने के लिए दबाव डाला था. आरोपी ने वर्ष 2018 में भी निकिता को अगवा कर लिया था. इस मामले में निकिता के परिवार वालों ने पुलिस को एफ आई आर दर्ज करवाई थी. इसके पश्चात आरोपी तौसीफ को पुलिस द्वारा गिरफ्तार भी कर लिया गया था. परंतु तौसीफ के परिवार वालों ने हाथ पैर जोड़ तो निकिता के परिवार वालों ने केस वापस ले लिया और समझौता कर लिया. इसके पश्चात भी तौसीफ ने निकिता का पीछा नहीं छोड़ा. तौसीफ बार-बार निकिता पर शादी के लिए दबाव डाल रहा था. इसी कारण उसने एक बार फिर से निकिता को अगवा करने का प्रयास किया. लेकिन इस बार निकिता की जान चली गई.
3 महीने 22 दिनों तक चली सुनवाई
आपको बता दें कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना कि कोर्ट में इस केस की सुनवाई आरंभ की गई. पहली गवाही 1 दिसंबर 2020 को करवाई गई. इसमें घटना के चश्मदीद गवाह निकिता की सहेली निकिता शर्मा और निकिता के चचेरे भाई तरुण तोमर को शामिल किया गया. पीड़ित पक्ष की ओर से कुल 55 लोगों की गवाही दर्ज करवाई गई. जिसमें से पुलिसकर्मी, कॉलेज के प्रिंसिपल और परिवार के सदस्य शामिल थे. 2 दिनों तक बचाव पक्ष ने अपने दो गवाहों को पेश किया और अब मंगलवार को यह सुनवाई पूरी हो चुकी है.
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