आज होगा अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का आगाज, जानें इस बार क्या होगा खास

फरीदाबाद । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद में आज से 35 वें अंतराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला 2022 का आगाज हो रहा है. केन्द्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते लंबे समय बाद फिर से सूरजकुंड मेले का आयोजन हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस साल सूरजकुंड मेला नए सिरे से एक बड़े आयोजन के वादे के साथ आया है.

ROHTAK BHEED CROWD

आज यानि 19 मार्च को शाम साढ़े 5 बजे उद्घाटन समारोह आयोजित किया जाएगा. उद्घाटन समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, सीएम मनोहर लाल और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शामिल होंगे. बता दें कि सूरजकुंड मेला 1987 में पहली बार भारत की हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था.

इस भव्य मेलें का आयोजन केन्द्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति, विदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से करवाया जाता है. यें शिल्प मेला देशभर के हजारों शिल्पकारों को अपनी कला और उत्पादों को देश-दुनिया से आने वाले दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने में मदद करता है.

समय के साथ एडजस्टमेंट करते हुए पेटीएम (Paytm) इनसाइडर जैसे पोर्टलों के माध्यम से ऑनलाइन टिकट उपलब्ध करवाएं जा रहें हैं, जिससे बाहर से आने वाले दर्शकों को लंबी लाइनों में खड़े होकर टिकट लेने की बजाय सीधे मेला परिसर में आसानी से प्रवेश मिल सकें. प्रशासन द्वारा मेला स्थल तक आसपास के क्षेत्रों से आने वाले दर्शकों के लिए विभिन्न स्थानों से स्पेशल बसें चलाई गई है. इस साल 30 से अधिक देश इस मेले का हिस्सा होंगे भागीदार राष्ट्र- उज्बेकिस्तान भी शामिल है. जिम्बाब्वे, युगांडा, नामीबिया, सूडान, नाइजीरिया, इक्वेटोरियल गिनी, सेनेगल, अंगोला, घाना, थाईलैंड, नेपाल, श्रीलंका, ईरान, मालदीव, लैटिन अमेरिकी देशों, अफगानिस्तान, इथियोपिया, इस्वातिनी, मोजाम्बिक, तंजानिया और अन्य देशों से उत्साही भागीदारी होगी.

इस बार 35 वें अंतराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का थीम स्टेट जम्मू-कश्मीर होगा, जो विभिन्न कला रूपों और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करेगा. जम्मू-कश्मीर से सैकड़ों की संख्या में कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन कर दर्शकों को रोमांचित करने का काम करेंगे. पारंपरिक नृत्य कला रूपों से लेकर उत्कृष्ट शिल्प तक, जम्मू और कश्मीर राज्य से विरासत और संस्कृति का एक गुलदस्ता दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.

माता वैष्णो देवी मंदिर, अमर नाथ मंदिर, कश्मीर से वास्तुकला का प्रतिनिधित्व करने वाला अपना घर, हाउस बोट का लाइव प्रदर्शन और स्मारक द्वार ‘मुबारक मंडी-जम्मू’ की प्रतिकृतियां इस साल के मेले के मुख्य आकर्षण होंगे. इसके अलावा मेलें में पंजाब का भांगड़ा नृत्य, हरियाणा के लोक नृत्य, असम के बिहू, बरसाना की होली, महाराष्ट्र की लावणी, हिमाचल प्रदेश के जमाकड़ा, हाथ की चक्की का लाइव प्रदर्शन और हमेशा से मशहूर रहे बेहरुपिया जैसे विभिन्न प्रकार के कलाकार दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे.

इसके साथ ही मेलें में दर्शक रहमत-ए-नुसरत, रिंकू कालिया की गज़लों की गूंज, मंत्रमुग्ध कर देने वाली नृत्य प्रस्तुतियों, भावपूर्ण सूफी प्रदर्शनों, माटी बानी द्वारा भारत के लय के अलावा जम्मू-कश्मीर, उज्बेकिस्तान और अन्य अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के फुट टैपिंग डांस और सॉन्ग शो जैसे बैंड के शानदार प्रदर्शन का आनंद उठा पाएंगे. मेला स्थल पर एक बहु-व्यंजन फूड कोर्ट है, जो आगंतुकों के बीच बेहद लोकप्रिय है.

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